अंग्रेजों के जमाने की खलासी प्रणाली समाप्त करने की तैयारी में भारतीय रेलवे, नहीं होगी इस पद पर नई भर्ती
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 7, 2020 11:10 AM2020-08-07T11:10:33+5:302020-08-07T11:10:33+5:30
टीएडीके की नियुक्ति संबंधी मामला रेलवे बोर्ड में समीक्षाधीन है, इसलिए यह फैसला किया गया है कि टीएडीके के स्थानापन्न के तौर पर नए लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और न ही तत्काल नियुक्ति की जानी चाहिए।
नई दिल्लीः रेलवे अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आवास पर काम करने वाले ‘बंगला पियुन’ या खलासियों की नियुक्ति की औपनिवेशिक काल की प्रणाली को समाप्त करने की तैयारी कर रहा है और इस पद पर अब कोई नई भर्ती नहीं की जाएगी। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को आदेश जारी किया। रेलवे बोर्ड ने आदेश में कहा है कि टेलीफोन अटेंडेंट सह डाक खलासी (टीएडीके) संबंधी मामले की समीक्षा की जा रही है।
आदेश में कहा गया है, ‘‘टीएडीके की नियुक्ति संबंधी मामला रेलवे बोर्ड में समीक्षाधीन है, इसलिए यह फैसला किया गया है कि टीएडीके के स्थानापन्न के तौर पर नए लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और न ही तत्काल नियुक्ति की जानी चाहिए।’’
आदेश में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, एक जुलाई 2020 से इस प्रकार की नियुक्तियों को दी गई मंजूरी के मामलों की समीक्षा की जा सकती है और इसकी स्थिति बोर्ड को बताई जाएगी। इसका सभी रेल प्रतिष्ठानों में सख्ती से पालन किया जाए।’’
इधर, भारतीय रेलवे के आठ प्रमुख संवर्गों का एकल सेवा भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) में विलय का काम इस साल नवंबर तक पूरा होने की संभावना है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय परिवहन ने इसके तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए कंसल्टेंसी फर्म मैकिन्से और कंपनी की सेवा ली है। अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने बुधवार को रेलवे सेवाओं के विलय पर विभिन्न संवर्गों और रेलवे यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
दिसंबर 2019 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठ रेलवे सेवाओं को एक केंद्रीय सेवा में एकीकृत करके रेलवे के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी। बैठक के दौरान, रेलवे ने संवर्गों को सूचित किया कि वे सभी सेवाओं के लिए समान पदोन्नति पर विचार कर रहे हैं।