रेलवे नौकरी पाने के बदले जमीन देने वालों पर लटका सका है बर्खास्तगी की तलवार
By एस पी सिन्हा | Published: May 22, 2022 07:36 PM2022-05-22T19:36:11+5:302022-05-22T19:43:36+5:30
रेलवे भर्ती जमीन घोटाले में केवल लालू परिवार ही नहीं फंसा है। इसकी जद में वो रेलवे के कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने नौकरी के बदले लालू परिवार को जमीनें दी हैं। रेलवे उन दागदार कर्मचारियों को दोषी पाने के बाद बर्खास्त भी कर सकता है।
पटना: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में सिर्फ लालू परिवार ही नहीं बल्कि वे लोग भी फंस गए हैं, जिन्होंने जमीनें देकर रेलवे में नौकरी हासिल की है।
जमीन देकर नौकरी पाने वालों की जमीन तो गई ही अब रेलवे की नौकरी भी जाएगी। अपनी जमीन देकर रेलवे में नौकरी पाने वाले रेलकर्मियों पर अगर दोष साबित हुआ तो नौकरी से बर्खास्तगी भी संभव है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई द्वारा विभिन्न स्थानों पर छापेमारी के क्रम में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। इनमें कुछ दस्तावेज एवं हार्ड डिस्क भी शामिल हैं। जमीन के एवज में नौकरी पाने वाले कुल 12 रेलवे कर्मचारियों को सीबीआई ने अभियुक्त बनाया है।
इन 12 लोगों में पटना के घनौत निवासी राजकुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय राय, धर्मेंद्र राय, विकास कुमार, पिंटू कुमार, दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार, लाल चंद कुमार, पटना के ही बिहटा निवासी अभिषेक कुमार और गोपालगंज के मीरगंज निवासी ह्दयानंद चौधरी शामिल हैं।
सीबीआई इससे जुड़ी कुछ अन्य पहलुओं पर जांच करने में जुटी हुई है। इसमें किन-किन पदों पर कितने लोगों की इस तरीके से बहाली हुई है, इसकी जांच भी की जायेगी। इसके साथ ही क्या परिवार के किसी अन्य सदस्यों के नाम पर भी जमीन लिखवाई गई है या नहीं। इससे जुड़े बातों पर भी जांच की जायेगी।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार नौकरी के बदले में सात अभियुक्तों ने लालू परिवार को एक लाख वर्गफुट से अधिक जमीन दी है। ये जमीनें पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी पुत्रियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम की गई हैं।
गोपालगंज जिले के उचकागांव थाना के इटवा गांव स्थित रेलवे में नौकरी पाए ह्दयानंद के घर पर बक्से में रखे गए दस्तावेजों की छानबीन की गई और उनके परिजनों से भी पूछताछ करके रेलवे में गलत तरीके से नौकरी दिलाने के बारे जानकारी ली गई है। सीबीआई सभी तथ्यों की कड़ी दर कड़ी जोड़ने में जुटी हुई है।