रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में रेलवे की 821 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अतिक्रमण
By भाषा | Published: July 24, 2019 02:27 PM2019-07-24T14:27:38+5:302019-07-24T14:27:38+5:30
गोयल ने लोकसभा में सदाशिव लोखंडे और अन्नपूर्णा देवी के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि 2016 से 2018 के दौरान मंत्रालय के सतत प्रयासों के कारण 58.01 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2019 की स्थिति के अनुसार देश में रेलवे की 821.46 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि देश में रेलवे की 821 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अतिक्रमण है और इसे मुक्त कराने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाए जा रहे हैं।
गोयल ने लोकसभा में सदाशिव लोखंडे और अन्नपूर्णा देवी के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि 2016 से 2018 के दौरान मंत्रालय के सतत प्रयासों के कारण 58.01 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2019 की स्थिति के अनुसार देश में रेलवे की 821.46 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है।
मंत्री ने कहा कि रेलवे को अतिक्रमण में समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि अधिकतर मामलों में कार्रवाई आरंभ होने से पहले ही लोग अदालत पहुंच जाते हैं।
संसद में चर्चा के बिना विधेयक पारित कर रही है सरकार: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह संसद में चर्चा के बिना विधेयकों को पारित कराने में लगी है। उन्होंने मांग की कि आरटीआई संशोधन विधेयक प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए।
तृणमूल सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ’ ब्रायन ने आरोप लगाया कि सरकार ने ‘‘त्रुटिपूर्ण आरटीआई विधेयक’’ को पारित कराने के लिए लोकसभा में अपने प्रचंड बहुमत का इस्तेमाल किया। ब्रायन ने संसद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि आरटीआई संशोधन विधेयक को प्रवर समिति को भेजा जाए।’’
इससे पहले उन्होंने सुबह कहा था कि विधेयक चर्चा किए बिना पारित किए जा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राज्यसभा में आज तीन विधेयक पारित होने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं। सभी बिना किसी चर्चा के। सरकार हमें क्या बने देखना चाहती है? मूकदर्शक! संसद में रचनात्मक विपक्ष।’’
तृणमूल नेता ने इससे पहले मंगलवार को आरोप लगाया था कि सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है। ब्रायन ने कहा, ‘‘मुझे हैरानी नहीं होगी, यदि सरकार आरटीआई विधेयक को राज्यसभा में पारित कराने के लिए बुधवार को सूचीबद्ध करे।
इस बात का भरोसा रखिए, हम संसदीय लोकतंत्र को संरक्षित रखने के लिए सब कुछ करेंगे। संसदीय समितियों की समीक्षा के बिना पहले ही 14 विधेयक पारित किए जा चुके हैं। रचनात्मक विपक्ष को दबाया नहीं जा सकता।’’