राफेल डीलः BJP ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के झूठ का किया पर्दाफाश, अब मांगें माफी
By रामदीप मिश्रा | Published: April 15, 2019 03:23 PM2019-04-15T15:23:02+5:302019-04-15T15:35:13+5:30
केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि उन्होंने जो भी बोला है वह उसने (सुप्रीम कोर्ट) नहीं कहा है। अब राहुल गांधी माफी मांगे।
राफेल डील मामले पर देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले को गलत तरीके से आमजन के बीच पेश करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सोमवार (15 अप्रैल) को जवाब मांगा है। इसके ठीक बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी पर हमला बोला है।
केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि उन्होंने जो भी बोला है वह उसने (सुप्रीम कोर्ट) नहीं कहा है। अब राहुल गांधी माफी मांगे। आगे केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी पर झूठ बोलने और लूट करने का आरोप लगाया है।
बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट बताया था कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कथित रूप से टिप्पणी की, 'अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि चौकीदार चोर है।' राहुल गांधी ने अमेठी से अपना नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बयान दिया था।
इधर, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्ययाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि राहुल गांधी ने इस अदालत का नाम लेकर राफेल सौदे के बारे में मीडिया व जनता में जो कुछ कहा, उसे गलत तरीके से पेश किया। राफेल मामले में दस्तावेजों को स्वीकार करने के लिए उनकी वैधता पर सुनवाई करते हुए इस तरह की टिप्पणियां करने का मौका कभी नहीं आया।
दरअसल, यह मामला बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से दायर किया गया था। लेखी ने अपनी याचिका में कहा है कि राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर राहुल ने हाल में कुछ ऐसी बातें कही हैं जो कोर्ट की अवमानना है। याचिका में राहुल पर सुप्रीम कोर्ट के बयान को गलत तरह से पेश करने का आरोप है। लेखी का आरोप है कि राहुल गांधी ने अपनी व्यक्तिगत टिप्पणियों को शीर्ष अदालत के मुंह में डाला है और इस तरह उन्होंने गलत धारणा पैदा करने का प्रयास किया है।