राहुल गांधी का पीएम मोदी पर ताजा हमला, कहा- सरकार दस्तावेज गायब होने की बात मान रही, यानी आरोप सच्चे हैं
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 7, 2019 10:04 AM2019-03-07T10:04:05+5:302019-03-07T11:24:43+5:30
राहुल गांधी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज में साफ लिखा है कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय समानांतर सौदेबाजी कर रहा था। यह सीधा मामला भ्रष्टाचार का है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार मान रही है कि रक्षा मंत्रालय से राफेल से जुड़े दस्तावेज चोरी हुए हैं यानी उन पर लग रहे आरोप में सच्चाई है। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोषी नहीं हैं तो वो जांच से डर क्यों रहे हैं। हमने जेपीसी से जांच कराने की मांग की तो भाग क्यों गए?
गुरुवार सुबह पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार चीज़ों को तोड़-मरोड़कर नरेंद्र मोदी का बचाव करना चाहती है। लेकिन न्याय सबके लिए होना चाहिए। अगर सरकार मान रही है कि कागज गायब हुए हैं तो उन्हीं कागजों में लिखा है कि प्रधानमंत्री पैरलल निगोशिएशन कर रहे थे। इसका मतलब अखबार की रिपोर्ट के दावे सही हैं। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने खिलाफ लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर जांच करवानी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ‘समानान्तर बातचीत’ क्यों हो रही है? कोई न कोई कारण तो होगा? कारण ये है कि मोदी जी अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये देना चाहते थे, इससे उनको भी फायदा होगा।
‘समानान्तर बातचीत’ क्यों हो रही है? कोई न कोई कारण तो होगा? कारण ये है कि मोदी जी नरेन्द्र मोदी को 30 हजार करोड़ रुपये देना चाहते थे, इससे उनको भी फायदा होगा : कांग्रेस अध्यक्ष @RahulGandhi#FileChorChowkidarpic.twitter.com/k1xssP5IzW
— Congress (@INCIndia) March 7, 2019
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि राफेल लड़ाकू विमान से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से 'चोरी' हो गए हैं। सरकार ने इन दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित कर रहे दो मीडिया हाउस और एक वकील के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट लगाने की धमकी दी है।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जिन दस्तावेजों को अपना आधार बनाया है, उन पर गोपनीय और वर्गीकृत लिखा था। यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है। वेणुगोपाल ने पुनर्विचार याचिकाओं और गलतबयानी के लिए दायर आवेदन रद्द करने का अनुरोध किया क्योंकि इनका आधार चोरी के दस्तावेज है।