अमेठी में राहुल गांधी की हार की हुई गोपनीय समीक्षा, चुनाव में सपा-बसपा का यह दांव पड़ गया उल्टा!

By भाषा | Published: June 1, 2019 01:49 PM2019-06-01T13:49:06+5:302019-06-01T13:49:06+5:30

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी में गत 23 मई को भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी से 55120 मतों के अंतर से चुनाव हार गये थे।

Rahul Gandhi's defeat confidential review in Amethi | अमेठी में राहुल गांधी की हार की हुई गोपनीय समीक्षा, चुनाव में सपा-बसपा का यह दांव पड़ गया उल्टा!

अमेठी में राहुल गांधी की हार की हुई गोपनीय समीक्षा, चुनाव में सपा-बसपा का यह दांव पड़ गया उल्टा!

Highlights इसके तहत ब्लाक तथा न्याय पंचायत इकाइयों के अध्यक्षों के साथ जांच टीम की बैठकें हो रही है। पीढ़ियों पुराने गढ़ में पार्टी अध्यक्ष के ही हार जाने के बाद से स्थानीय कांग्रेस इकाई में उथल-पुथल शुरू हो गयी थी।

गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पराजय से जुड़े हर पहलू की समीक्षा शुरू हो गयी है। केंद्गीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों राहुल की हार की समीक्षा बेहद गोपनीय तरीके से की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजीव सिंह ने शनिवार को बताया कि चुनाव परिणाम की समीक्षा गांव स्तर तक की जा रही है। इसके तहत ब्लाक तथा न्याय पंचायत इकाइयों के अध्यक्षों के साथ जांच टीम की बैठकें हो रही है।

उन्होंने बताया कि सारी जांच गोपनीय तरीके से हो रही है और नामित लोगों के अलावा उन बैठकों में किसी और के दाखिल होने पर पाबंदी है। सिंह ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का राजनैतिक कार्य देख रहे जुबैर खान तथा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा इस पूरी कवायद के लिये अमेठी मे डेरा डाले हुए हैं। किशोरी लाल अमेठी में राजीव गांधी और राहुल गांधी के सांसद प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'पार्टी प्रमुख ने 2014 में 4, 08,651 वोट हासिल किए थे, जबकि उन्हें 2019 में 4, 13,994 वोट मिले थे। इस बीच, 2014 में अमेठी से बसपा उम्मीदवार को लगभग 57,000 वोट मिले थे। दिलचस्प बात यह है कि इस बार राहुल गांधी ने अमेठी को लगभग 55,000 के अंतर से हराया था।'

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी में गत 23 मई को भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी से 55120 मतों के अंतर से चुनाव हार गये थे। पीढ़ियों पुराने गढ़ में पार्टी अध्यक्ष के ही हार जाने के बाद से स्थानीय कांग्रेस इकाई में उथल-पुथल शुरू हो गयी थी। पार्टी जिला अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, पार्टी के नेता धर्मेन्द्र शुक्ला ने राहुल को पत्र लिख कर उनके प्रतिनिधि चंद्र कांत दुबे को हार के लिए जिम्मेदार बताते हुए जांच की मांग की थी।

Web Title: Rahul Gandhi's defeat confidential review in Amethi

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