राहुल गांधी का मोदी सरकार पर निशाना, कहा- केंद्र कोरोना का असली डेटा भी जनता तक नहीं पहुंचने दे रही
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 26, 2021 07:18 PM2021-04-26T19:18:48+5:302021-04-26T19:20:11+5:30
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ‘फर्जी छवि’ को बचाने के लिए कोरोना महामारी से जुड़े सच को छिपाया रहा है और मौतों का आंकड़ा कम बताया जा रहा है।
नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला किया। कोविड पर देश में हाहाकार है। सरकार कुछ नहीं कर रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि रोज़गार और विकास की तरह केंद्र सरकार कोरोना का असली डेटा भी जनता तक नहीं पहुँचने दे रही। महामारी ना सही, महामारी का सच तो नियंत्रण में कर ही लिया! सरकार को सोचना चाहिए।
रोज़गार और विकास की तरह केंद्र सरकार कोरोना का असली डेटा भी जनता तक नहीं पहुँचने दे रही।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 26, 2021
महामारी ना सही, महामारी का सच तो नियंत्रण में कर ही लिया!
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण की पैरवी करते हुए सोमवार को कहा कि भारत को भाजपा के ‘सिस्टम’ का शिकार नहीं बनाया जाए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ चर्चा बहुत हो चुकी। देशवासियों को वैक्सीन मुफ़्त मिलनी चाहिए- बात ख़त्म। मत बनाओ भारत को भाजपा सिस्टम का शिकार।’’
राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले कई हफ्तों से यह मांग कर रहे हैं कि देश के सभी नागरिकों को मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाए। उल्लेखनीय है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीका राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में मिलेगा।
चर्चा बहुत हो चुकी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 26, 2021
देशवासियों को वैक्सीन मुफ़्त मिलनी चाहिए- बात ख़त्म।
मत बनाओ भारत को भाजपा system का victim!
दूसरी तरफ, भारत बायोटेक का टीका कोवैक्सीन टीका प्रति खुराक राज्यों को 600 रुपये और निजी अस्पतालों को 1200 रुपये में मिलेगा। वैसे, कई राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि उनके यहां लोगों को मुफ्त में टीका लगाया जाएगा।
कांग्रेस नेता अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया, ‘‘ सच पर पर्दा डाला जा रहा है, ऑक्सीजन की कमी से इनकार किया जा रहा है और मौतों के आंकड़े को कम बताया जा रहा है। भारत सरकार अपनी फर्जी छवि बचाने के लिए सबकुछ कर रही है।’’