पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल गांधी ने ट्रैक्टर पर बैठ निकाली रैली, बोले- कांग्रेस की सरकार बनते ही यह काला कानून होगा खत्म, देखें वीडियो
By अनुराग आनंद | Published: October 4, 2020 03:19 PM2020-10-04T15:19:08+5:302020-10-04T15:20:51+5:30
पंजाब के मोगा में राहुल गांधी ने लोगों से कहा कि केंद्र में यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो हम सरकार बनते ही कृषि से जुड़े इस काले कानून को हम समाप्त कर देंगे।
मोगा: कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र द्वारा लागू नये कृषि कानूनों के खिलाफ मोगा में आज (रविवार) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व कर रहे हैं। राहुल गांधी रविवार दोपहर मोगा पहुंचे। वह आज से शुरू हो रही तीन दिवसीय ट्रैक्टर रैलियों का नेतृत्व कर रहे हैं। मोगा के बदनी कलां में उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया।
इस दौरान राहुल गांधी ट्रैक्टर पर सवार होकर किसानों के साथ रैली कर रहे थे। ट्रैक्टर पर एक तरफ राहुल बीच में ड्राइविंग सीट पर कोई कांग्रेस नेता तो दूसरी तरफ सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह बैठे हुए थे। इस दौरान राहुल गांधी ने लोगों से कहा कि केंद्र में यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो हम सरकार बनते ही कृषि से जुड़े इस काले कानून को हम समाप्त कर देंगे।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता ने रैली में लिया हिस्सा-
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और अन्य नेता भी रैली में शामिल होने के लिए मोगा पहुंचे।
राज्य के पूर्व मंत्री और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू भी मोगा में हैं, जो पिछले कुछ समय से कांग्रेस की सभी गतविधियों से दूरी बनाकर चल रहे थे। ‘खेती बचाओ यात्रा’ के नाम से निकाली जा रही ट्रैक्टर रैलियां करीब 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेगी और विभिन्न जिलों तथा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरेंगी।
#WATCH: Punjab: CM Captain Amarinder Singh, Congress leader Rahul Gandhi, party's state chief Sunil Jakhar take part in tractor yatra from Badhni Kalan to Jattpura as part of party's 'Kheti Bachao Yatra'. pic.twitter.com/TpXTpxcGCx
— ANI (@ANI) October 4, 2020
नये कृषि कानूनों का पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं
उल्लेखनीय है कि नये कृषि कानूनों का पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों को आशंका है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कृषि सुधार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का रास्ता साफ होगा और वे बड़ी कंपनियों की ‘दया’ पर आश्रित रह जाएंगे।
हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि संसद ने हाल में तीन विधेयकों- ‘कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020’, ‘किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन’ अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक 2020 और ‘आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक-2020’ को पारित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद तीनों कानून 27 सितंबर से प्रभावी हो गए।