राहुल गांधी ने फिर खड़ा किया 'अग्निपथ योजना' पर सवाल, कहा- "अग्निपथ देश की सुरक्षा से खिलवाड़, युवाओं का भविष्य भी खतरे में"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 24, 2022 06:22 PM2022-07-24T18:22:24+5:302022-07-24T18:28:50+5:30
राहुल गांधी ने 'अग्निपथ' के खिलाफ कड़ा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रयोगशाला से निकले इस 'नए प्रयोग' से न केवल देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि यह योजना युवाओं के भविष्य को भी खतरे में डाल रही है।
दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना 'अग्निपथ' की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह देश की सुरक्षा के साथ समझौता है और इससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है।
केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने रविवार को साल 2022 में मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ कड़ा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रयोगशाला से निकले इस 'नए प्रयोग' से न केवल देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि यह योजना युवाओं के भविष्य को भी खतरे में डाल रही है।
राहुल गांधी ने इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा, "हर साल साठ हजार सैनिक सेवानिवृत्त होते हैं, जिनमें से केवल 3,000 को ही सरकारी नौकरी मिल रही है। 4 साल के ठेके पर हज़ारों की संख्या में रिटायर होने वाले अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा? प्रधानमंत्री की प्रयोगशाला के इस नए प्रयोग से देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य दोनों खतरे में हैं।"
60,000 सैनिक हर साल रिटायर होते हैं, उनमें से सिर्फ 3000 को सरकारी नौकरी मिल रही है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2022
4 साल के ठेके पर हज़ारों की संख्या में रिटायर होने वाले अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा?
प्रधानमंत्री की प्रयोगशाला के इस नए Experiment से देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य दोनों खतरे में हैं।
मालूम हो कि विपक्ष के इन हमलों के उलट केंद्र की मोदी सरकार बड़ी ही शिद्दत से अपनी नई रक्षा भर्ती योजना 'अग्निपथ' का बचाव कर रही है और इसे देश की सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम बताते हुए देश के युवाओं के लिए वरदान बता रही है। वहीं दूसरी ओर योजना की घोषणा होने पर यूपी-बिहार समेत देश के कई हिस्सों में इस योजना की घोषणा के बाद युवाओं द्वारा जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया।
अग्निपथ योजना के हिंसक विरोध में सबसे बड़ा घाटा रेलवे की संपत्ति को उठाना पड़ा, जिसका युवाओं के आक्रोश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। नई अग्निपथ योजना सेना के तीनों अंगों में सिपाही स्तर के लिए लागू की गई है, जिसमें केवल चार साल के लिए 17 से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को सेना में शामिल किया जाने का प्रावधान है। इतना ही नहीं भर्ती होने वाले युवाओं में से केवल 25 फीसदी युवाओं को 15 वर्षों तक के लिए सेना में बनाए रखने का प्रावधान है।
देश में युवाओं के भयानक आक्रोश को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने साल 2022 के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था। देश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस योजना के विरोध करने वाले युवाओं का पूरा साथ दिया था और कांग्रेस अब भी केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रही है कि इस योजना पर केंद्र सरकार संसद में चर्चा करे लेकिन संसद में होने वाले संभावित विरोध को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार इस मांग को खारिज कर रही है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)