दिल्ली में राहुल गांधी ने पैदल अपने गृह राज्य जा रहे मजदूरों से की मुलाकात, देखें तस्वीरें
By अनुराग आनंद | Published: May 16, 2020 06:31 PM2020-05-16T18:31:24+5:302020-05-16T18:36:19+5:30
कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज दिल्ली से पैदल अपने गांव जा रहे प्रवासी मजदूरों से मिले और उनसे बातचीत की।
नई दिल्ली: देश भर में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच देश के कई बड़े शहरों से प्रवासी मजदूर वापस अपने गृह राज्य की तरफ निकल रहे हैं। मुख्य तौर पर लॉकडाउन के बाद बेरोजगार होने के बाद ये मजदूर शहर छोड़ने के लिए लाचार हो गए हैं। इस स्थिति में गाड़ी व ट्रेन की व्यवस्था नहीं हो पाने पर काफी संख्या में मजदूर सैकड़ों, हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर की तरफ वापस जा रहे हैं। आज दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ऐसे ही कुछ मजदूरों से बात की है, जो पैदल अपने गृह राज्य जा रहे थे।
राहुल गांधी ने न सिर्फ इन मजदूरों से उनका हाल-चाल जाना है बल्कि घंटों नीचे जमीन पर बैठकर राहुल ने उनसे बात की है। इस दौरान की कुछ तस्वीरें आप नीचे देख सकते हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को वीडियो लिंक के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने सरकार के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज, कोरोना के दौरान मजदूरों की समस्या और देश के आर्थिक हालात पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है, आने वाला है। बहुत जबर्दस्त नुकसान होने वाला है। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सुने। हम यानी विपक्ष थोड़ा दबाव डाले और अच्छी तरह से समझाए तो सरकार सुन भी लेगी।
Police sources say it is misinformation that migrants who met with Rahul Gandhi were detained by police, migrants are still at spot, as per rules they are not being allowed to board a vehicle as a large group, which some Congress workers offered. https://t.co/3LXegGihNI
— ANI (@ANI) May 16, 2020
कांग्रेस नेता ने कहा, 'लॉकडाउन पर केंद्र सरकार को समझदारी से कदम उठाना चाहिए। अभी लॉकडाउन खोलने की बात हो रही है, बिना सोचे-समझे ऐसा किया तो नुकसान होगा। खोलना है तो लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फैसला करना चाहिए।
राहुल गांधी ने राहत पैकेज कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करूंगा कि वे इस पैकेज के बारे में दोबारा सोचें। उन्हें डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर पर सोचना चाहिए। मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार दिया जाए। किसानों को पैसा सीधे ट्रांसफर किया जाए। उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि रेटिंग्स की वजह से सरकार पैसा नहीं दे रही। कहा जा रहा है कि अगर वित्तीय घाटा बढ़ता है तो विदेशी एजेंसियां भारत की रेटिंग्स कम कर देंगी।
राहुल ने कहा, 'कोरोना संकट में मांग और आपूर्ति दोनों बंद हैं। सरकार को दोनों को रफ्तार देनी है। अब सरकार ने जो कर्ज पैकेज की बात कही है, उससे मांग शुरू नहीं होने वाली है। क्योंकि, बिना पैसे के लोग खरीदारी कैसे करेंगे।'
'मांग को शुरू करने के लिए पैसा देने की जरूरत है। "न्याय" जैसी योजना इसमें मददगार साबित हो सकती है। मांग शुरू न होने पर बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होने की संभावना है, जो कोरोना से भी बड़ा हो सकता है।'