भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को ‘‘हत्या का आरोपी’’ कहा था, राहुल गांधी को एक और समन

By भाषा | Published: July 9, 2019 04:33 PM2019-07-09T16:33:15+5:302019-07-09T16:33:15+5:30

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डी एस डाभी ने फिर से समन जारी किया। इससे पहले एक मई को जारी समन वापस आ गया था। यह सम्मन लोकसभा अध्यक्ष के जरिये भेजा गया था क्योंकि राहुल संसद सदस्य हैं।

Rahul Gandhi has been summoned by an Ahmedabad court, asking him to be present before it on August 9 | भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को ‘‘हत्या का आरोपी’’ कहा था, राहुल गांधी को एक और समन

अदालत ने कहा था कि राहुल के खिलाफ पहली नजर में भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला बनता है।

Highlightsअमित शाह के खिलाफ टिप्पणी: अदालत ने मानहानि मामले में राहुल को फिर से भेजा समन।शिकायतकर्ता के वकील प्रकाश पटेल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने समन यह कहते हुए वापस भेज दिया कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है।

अदालत ने मंगलवार को यहां कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को नया समन जारी करके उन्हें एक स्थानीय भाजपा नेता द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में नौ अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया। राहुल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ‘‘हत्या का आरोपी’’ कहा था।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डी एस डाभी ने फिर से समन जारी किया। इससे पहले एक मई को जारी समन वापस आ गया था। यह सम्मन लोकसभा अध्यक्ष के जरिये भेजा गया था क्योंकि राहुल संसद सदस्य हैं।

शिकायतकर्ता के वकील प्रकाश पटेल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने समन यह कहते हुए वापस भेज दिया कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है। राहुल से नौ अगस्त को पेश होने के लिए कहने वाले नये सम्मन को सीधे कांग्रेसी नेता के नयी दिल्ली स्थित आवास पर भेजा जाएगा।


इससे पहले अदालत ने कहा था कि राहुल के खिलाफ पहली नजर में भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला बनता है। स्थानीय भाजपा कारपोरेटर कृष्णवादन ब्रह्मभट्ट ने आरोप लगाया है कि राहुल ने 23 अप्रैल को जबलपुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।

ब्रह्मभट्ट ने कहा कि राहुल की टिप्पणी मानहानिपूर्ण है क्योंकि शाह को सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में 2015 में सीबीआई अदालत बरी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि न तो उच्च न्यायालय और ना ही उच्चतम न्यायालय ने शाह को बरी किये जाने को चुनौती वाली याचिका स्वीकार की थी।

शिकायतकर्ता ने कहा कि शाह को बरी करने वाले सीबीआई अदालत के दो जनवरी 2015 के आदेश ने बहुत चर्चा बटोरी थी और इसके बारे में ‘‘कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों को’’ पूरी जानकारी है। एक रैली में राहुल की टिप्पणी के बाद, शाह ने उन पर पलटवार करते हुए कहा था कि वह इस मामले में बरी हो चुके हैं।

उन्होंने राहुल की ‘‘कानूनी समझ’’ पर सवाल खड़े किये थे। साल 2015 में, एक विशेष अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामलों में शाह को आरोप मुक्त करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।

Web Title: Rahul Gandhi has been summoned by an Ahmedabad court, asking him to be present before it on August 9

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