राहुल गांधी ने 'शॉटगन' को दी पत्नी के प्रचार की अनुमति, लखनऊ में राजनाथ के खिलाफ सपा के टिकट पर लड़ सकती हैं चुनाव
By हरीश गुप्ता | Published: April 15, 2019 08:04 AM2019-04-15T08:04:40+5:302019-04-15T08:06:11+5:30
लोकसभा चुनावः भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 'शॉटगन' की पत्नी के सपा के टिकट पर लखनऊ में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ उतरने की संभावना है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा को अपनी पत्नी पूनम सिन्हा के समर्थन में प्रचार की अनुमति दे दी है. हाल ही में भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 'शॉटगन' की पत्नी के सपा के टिकट पर लखनऊ में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ उतरने की संभावना है. पूनम को वहां से उतारने की प्रक्रिया चल रही है.
दरअसल, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 अप्रैल है, जबकि वोटिंग 6 मई को होगी. सपा ने अब तक वहां से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. यही वजह है कि सबकी निगाहें अब लखनऊ पर टिक गई हैं. 'लोकमत समाचार' ने जब शत्रुघ्न सिन्हा से उनकी पत्नी के सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने पर सवाल किया तो उनका जवाब सकारात्मक था.
उन्होंने कहा, ''इस व्यवस्था के लिए राहुल गांधी से विशेष अनुमति ली गई. यदि सपा सपा ने पूनम सिन्हा को टिकट दिया, तो कांग्रेस लखनऊ से उम्मीदवार नहीं उतारेगी.'' वैसे, सपा की ओर से पूनम को टिकट मिलने की सूरत में बसपा प्रमुख मायावती भी उनके पक्ष में प्रचार कर सकती हैं. शॉटगन इस रियायत के लिए राहुल के आभारी हैं. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे अपनी पत्नी के लिए लखनऊ में प्रचार की अनुमति दी है. मैं सपा के लिए किसी अन्य सीट पर प्रचार नहीं कर पाऊंगा.''
1991 से भाजपा रही है विजेता
भाजपा 1991 से लखनऊ सीट कभी नहीं हारी है. अटल बिहारी वाजपेयी और लालजी टंडन के प्रतिनिधित्व के बाद राजनाथ सिंह वहां विजेता रहे हैं. विपक्ष हमेशा से वहां बंटा हुआ रहा. 2014 में राजनाथ सिंह ने 5.61 लाख वोट हासिल किए थे, जबकि अलग-अलग चुनाव लड़ी कांग्रेस, सपा, बसपा और आप को कुल मिलाकर 4.52 लाख वोट मिले. अगर कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 2.88 लाख वोट मिले, तो सपा, बसपा, आप ने खेल बिगाड़ दिया.
1.25 लाख सिंधी मतदाताओं का फायदा मिलेगा
इस बार लखनऊ में विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार राजनाथ सिंह को चुनौती दे सकता है. पूनम सिन्हा को 1.25 लाख सिंधी वोटों का फायदा होगा क्योंकि वह सिंधी हैं. सिंधी लालकृष्ण आडवाणी के कारण वे भाजपा के परंपरागत वोटर हैं.