'मोदी सरनेम' मानहानि मामला: सूरत कोर्ट 20 अप्रैल को राहुल गांधी की याचिका पर सुनाएगी फैसला
By रुस्तम राणा | Published: April 13, 2023 06:11 PM2023-04-13T18:11:17+5:302023-04-13T18:19:58+5:30
मामले में न्यायाधीश रॉबिन मोगेरा ने मामले में फैसला सुरक्षित रखने से पहले गांधी और शिकायतकर्ता, भाजपा के पूर्णेश मोदी को सुना। सूरत कोर्ट द्वारा आदेश 20 अप्रैल को सुनाया जाएगा।

'मोदी सरनेम' मानहानि मामला: सूरत कोर्ट 20 अप्रैल को राहुल गांधी की याचिका पर सुनाएगी फैसला
सूरत: गुजरात की सूरत की एक सत्र अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद (सांसद) राहुल गांधी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उनकी सजा पर रोक लगाने की अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सूरत कोर्ट द्वारा फैसला 20 अप्रैल को सुनाया जाएगा। न्यायाधीश रॉबिन मोगेरा ने मामले में फैसला सुरक्षित रखने से पहले गांधी और शिकायतकर्ता, भाजपा के पूर्णेश मोदी को सुना।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वकील ने कहा निष्पक्ष नहीं हुई थी सुनवाई
इससे पहले कांग्रेस नेता के वकील ने अदालत में दलील दी कि ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मानहानि के मुकदमे में सुनवाई ‘‘निष्पक्ष नहीं’’ थी और इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश ‘‘अजीब’’ है, क्योंकि निचली अदालत के न्यायाधीश ने ‘‘रिकॉर्ड में उपलब्ध सभी सबूतों का घालमेल’’ कर दिया।
गुजरात की सूरत कोर्ट 20 अप्रैल को 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका पर फैसला सुनाएगी।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 13, 2023
'मोदी सरनेम' मामले में राहुल गांधी को मिली थी 2 वर्ष की सजा
सूरत में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने 13 अप्रैल, 2019 को एक चुनावी रैली में की गई ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराते हुए दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। राहुल ने चुनावी रैली में कहा था, ‘‘सभी चोरों का समान उपमान मोदी ही कैसे है?’’
शिकायतकर्ता ने कहा, राहुल गांधी की अपमानजनक बयान देने की आदत है
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एवं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इसी अदालत में पहले दाखिल किए गए अपने जवाब में राहुल गांधी की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता ‘‘बार-बार अपराध’’ करते हैं और उन्हें अपमानजनक बयान देने की आदत है।
(इनपुट भाषा के साथ)