राहुल गांधी का दावा, सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में पीएम मोदी ने स्वीकारा- बढ़ाया गया है राफेल विमानों का रेट
By जनार्दन पाण्डेय | Published: November 13, 2018 02:31 PM2018-11-13T14:31:04+5:302018-11-13T14:31:04+5:30
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में राफेल विमानों की कीमतों को लेकर एक लिफाफा बंद रिपोर्ट सौंप दी गई। इसी क्रम में सरकार की ओर एक हलफनामा भी दायर किया गया। अब राहुल गांधी इसी हलफनामे का हवाला दे रहे हैं।
राफेल विमानों की खरीदारी को लेकर चल रहे राफेल डील विवाद में मंगलवार एक अहम दिन है। पहले मंगलवार को दसॉल्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एरिक) ट्रेपयर ने राहुल गांधी के सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि विमानों की खरीदारी में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। ना ही पहले की मुताबिक पैसे बढ़ाए गए हैं, ना ही अनिल अंबानी का नाम किसी और के दौरान सुझाया गया है। दसॉल्ट ने खुद अनिल अंबानी को चुना था।
इसके बाद राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़े करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट में मोदीजी ने मानी अपनी चोरी हलफ़नामे में माना कि उन्होंने बिना वायुसेना से पूछ के कांट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रुपया अंबानी की जेब में डाला। पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त..."
असल में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में राफेल विमानों की कीमतों को लेकर एक लिफाफा बंद रिपोर्ट सौंप दी गई। इसी क्रम में सरकार की ओर एक हलफनामा भी दायर किया गया। अब राहुल गांधी का दावा है कि इस हलफनामे में पीएम मोदी ने भारतीय वायुसेना से पूछकर राफेल विमानों की कीमत बढ़ाने का हवाला दिया है।
इसके बाद राहुल गांधी यह दोहराना नहीं भूले कि इस डील में पीएम मोदी ने 30,000 करोड़ रुपया अंबानी की जेब में डाला है। उल्लेखनीय है कि दसॉल्ट कंपनी के सीईओ से पहले राफेल डील के वक्त फ्रांस के राष्ट्रपति रहे फ्रांसवा ओलांद यह बयान दे चुके हैं कि अनिल अंबानी की कंपनी का नाम पीएम मोदी की ओर से सुझाया गया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि रिलायंस के अलावा किसी और कंपनी का नाम भारत की ओर से नहीं सुझाया गया था।
अब दसॉल्ट के सीईओ ने कहा है कि पूरी प्रक्रिया में रिलायंस केवल 10 फीसदी काम कर रही है। रिलायंस के अलावा विमानों को तैयार करने में 30 और पार्टनर दसॉल्ट का साथ दे रहे हैं। एक पुरानी फाइल से हुए खुलासे में यह बताया गया है कि राफेल सौदे में 2012 में हुई डील की तुलना में 2016 में हुई डील में करीब 40 फीसदी तक इजाफा हुआ था।