बिलकिस बानो मामले पर बोले राहुल गांधी- पूरा देश प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर देख रहा
By मनाली रस्तोगी | Published: August 17, 2022 01:32 PM2022-08-17T13:32:41+5:302022-08-17T13:34:49+5:30
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के बिलकिस बानो मामले में बलात्कार एवं हत्या के 11 दोषियों की रिहाई को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर पूरा देश देख रहा है।
नई दिल्ली: गुजरात के बिलकिस बानो मामले को लेकर बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उनकी कथनी और करनी में अंतर है। इस मामले में बलात्कार और हत्या के 11 दोषियों की रिहाई को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट कर हुए लिखा, "5 महीने की गर्भवती महिला से बलात्कार और उनकी 3 साल की बच्ची की हत्या करने वालों को 'आजादी के अमृत महोत्सव' के दौरान रिहा किया गया।"
उन्होंने आगे लिखा, "नारी शक्ति की झूठी बातें करने वाले देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं? प्रधानमंत्री जी, पूरा देश आपकी कथनी और करनी में अंतर देख रहा है।" कांग्रेस नेता ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री को उस वक्त निशाने पर लिया, जब गत सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि भारत की तरक्की के लिए महिलाओं का सम्मान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने 'नारी शक्ति' का समर्थन करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
5 महीने की गर्भवती महिला से बलात्कार और उनकी 3 साल की बच्ची की हत्या करने वालों को 'आज़ादी के अमृत महोत्सव' के दौरान रिहा किया गया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 17, 2022
नारी शक्ति की झूठी बातें करने वाले देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं?
प्रधानमंत्री जी, पूरा देश आपकी कथनी और करनी में अंतर देख रहा है।
बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को सोमवार को गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार ने अपनी माफी नीति के तहत इन लोगों की रिहाई की मंजूरी दी थी। मुंबई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के जुर्म में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था।