राहुल गांधी ने संसद में पूछा सवाल, 50 सबसे बड़े कर्ज गबन करने वाले बैंकों के नाम, अनुराग ठाकुर ने दिया ये जवाब
By शीलेष शर्मा | Published: March 16, 2020 03:45 PM2020-03-16T15:45:29+5:302020-03-16T15:45:29+5:30
दरअसल, प्रश्न संख्या 305 के तहत राहुल गांधी ने सरकार से पूछा था कि जान बूझकर ऋण ना चुकाने वाले 50 लोगों के नाम सरकार बताये और इस बात की भी जानकारी दे कि ऐसे लोगों की कितनी रकम को सरकार ने माफ किया है. मौखिक
नई दिल्ली: बैंकों से ऋण लेकर ना चुकाने वाले लोगों के नामों को सरकार द्वारा छिपाने की कोशिश को लेकर आज लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. यह हंगामा उस समय शुरु हुआ जब राहुल गांधी ने वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर से पूछा कि भारतीय बैंकों के वो 50 सबसे बड़े कर्ज का गबन करने वाले कौन है, उनके क्या नाम है.
अनुराग ठाकुर ने अपने जवाब में उन गबन करने वालों के नामों का खुलासा तो नहीं किया लेकिन उलटे ही कांग्रेस पर पलटवार किया यह कहते हुए कि बैंकों के जो भी गबन हुए है वो कांग्रेस के कार्यकाल में हुए है.
संसद में राहुल गांधी ने बीजेपी पर लगाए ये आरोप
दरअसल प्रश्न संख्या 305 के तहत राहुल गांधी ने सरकार से पूछा था कि जान बूझकर ऋण ना चुकाने वाले 50 लोगों के नाम सरकार बताये और इस बात की भी जानकारी दे कि ऐसे लोगों की कितनी रकम को सरकार ने माफ किया है. मौखिक प्रश्न का जवाब ना मिलने पर राहुल ने आपत्ति जताई और लोकसभा अध्यक्ष से मांग की कि वे उनके संवैधानिक हितों की रक्षा करें.
लेकिन अध्यक्ष ओम बिड़ला ने वित्त राज्यमंत्री को जवाब देने के लिए बाध्य करने की जगह यह कहकर बात हवा में उड़ा दी कि प्रश्नकाल समाप्त हो चुका है इस पर लगभग समूचा विपक्ष उखड़ गया और हंगामा करने लगा, अध्यक्ष ने जबरन हंगामे के बीच कुछ देर सदन को चलाया जब विपक्ष की बात नहीं सुनी गयी तो कांग्रेस, द्रमुक,टीएमसी, एनसीपी सहित विपक्षी दलों ने सदन का बर्हिगमन किया. बाद में लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया.
अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब
संसद के बाहर इस मुद्दे से दु:खी राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष पर सीधा आरोप लगाया कि एक सांसद के नाते उन्हें प्रश्न पूछने और उसका उत्तर जानने का अधिकार है जिसका संरक्षण अध्यक्ष ने नहीं किया. राहुल ने सरकार पर भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ऋण लेकर भागने वालों को बचाने में जुटी है इसीलिए वह उन लोगों के नामों को सार्वजनिक नहीं कर रही है जिन्होंने ऋण लेकर वापस नहीं किया है और सरकार ने उनके ऋण माफ कर दिये है.
अनुराग ठाकुर की दलील थी कि जो जानकारी राहुल मांग रहे है वह बेवसाईट पर उपलब्ध है और कुछ जानकारियां 25 लाख के ऊपर की सूचना आयोग की बेवसाइट पर उपलब्ध है. कांग्रेस अब इस मुद्दे को फिर से उठाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही है. ताकि नामों को सार्वजनिक करने के लिए सरकार को मजबूर किया जा सके.