राहुल और प्रियंका गांधी ने चार मई से सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की मांग की, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को लिखा पत्र
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 11, 2021 07:41 PM2021-04-11T19:41:27+5:302021-04-11T19:43:29+5:30
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नए पाठ्यक्रम के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए पाठ्यसूची में कमी नहीं करने का फैसला किया है।
नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को पत्र लिखकर चार मई से शुरू होने वाली सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि चार मई से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं कराने के निर्णय पर कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुनर्विचार किया जाना चाहिए। गांधी ने एक ट्वीट में कहा, “ कोरोना की दूसरी विनाशकारी लहर के मद्देनजर, सीबीएसई की परीक्षा कराने पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। कोई भी फैसला लेने से पहले सभी पक्षकारों से सलाह-मशविरा किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “ भारत सरकार कितनी बार भारत के युवाओं के भविष्य के साथ खेलना चाहती है?”
In the light of the devastating Corona second wave, conducting #CBSE exams must be reconsidered. All stakeholders must be consulted before making sweeping decisions.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 11, 2021
On how many counts does GOI intend to play with the future of India’s youth?
उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर भीड़भाड़ होने से छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना असंभव होगा, प्रियंका ने शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि बढ़ती महामारी के दौरान इन परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों को मजबूर करने पर, किसी भी परीक्षा केंद्र पर बड़ी संख्या में छात्रों के संक्रमित होने की स्थिति में सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छात्रों व उनके अभिवावकों ने CBSE परीक्षा 2021 को लेकर कुछ वाजिब चिंताएं जाहिर की हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 11, 2021
My letter to the Minister of Education @DrRPNishank asking him to reconsider allowing the CBSE to conduct board exams under the prevailing COVID wave. pic.twitter.com/Ai4Zl796il
उन्होंने कहा, ''सरकार और सीबीएसई को इस पर विचार करना चाहिए कि क्या वे छात्रों या अन्य की कानूनी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं, जो इस तरीके से महामारी से बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं.'' कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जानलेवा रोग के साये में परीक्षा देना बच्चों में अनावश्यक तनाव पैदा करेगा और इससे परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता पर भी असर पड़ेगा।
प्रियंका ने पत्र में कहा, ''मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार स्कूलों, छात्रों और उनके माता-पिता के साथ वार्ता करेगी, ताकि उनके शैक्षणिक दायित्वों को पूरा करने के प्रति उनके लिए एक सुरक्षित रास्ता निकल सके।''