Raghuvansh Prasad Singh: फिजिक्स के प्रोफेसर, देसी अंदाज, वैशाली से पांच बार सांसद, पढ़िए रघुवंश प्रसाद का राजनीतिक सफर
By विनीत कुमार | Published: September 13, 2020 01:29 PM2020-09-13T13:29:37+5:302020-09-13T13:29:37+5:30
रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन 74 साल की उम्र में रविवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।
बिहार के कद्दावर नेता और बतौर वक्ता अपने देसी अंदाज के लिए चर्चित रहे रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को 74 साल की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। हाल में जब उन्होंने आरजेडी छोड़ने की घोषणा अस्पताल से ही एक चिट्ठी के जरिए की तो इसके बड़े सियासी मायने निकाले गए।
ये इसलिए भी कि बिहार में इसी साल नवंबर पर विधानसभा चुनाव होने हैं। लालू प्रसाद यादव ने उनसे पार्टी नहीं छोड़ने की अपील की थी।
आरजेडी में रघुवंश प्रसाद का होना इसलिए भी अहम था कि वे लालू की पार्टी में कई वर्षों से मजबूत सवर्ण चेहरे के तौर पर स्थापित थे। उनके बोलने का अंदाज लालू से मिलता-जुलता था और इसलिए भी वे चर्चा में रहे। इन सबके अलावा वे पार्टी के अंदर अपनी बातों को साफ-साफ और मजबूत अंदाज में रखने के लिए जाने जाते थे।
भले ही लालू का दौर रहा हो या फिर अब तेजस्वी और तेजप्रताप यादव की बात करें, रघुवंश प्रसाद ने हमेशा अपनी बात बिना किसी लाग-लपेट के रखी।
फिजिक्स के प्रोफेसर रघुवंश
रघुवंश प्रसाद सिंह फिजिक्स में ग्रेजुएट थे और गणित में मास्टर डिग्री हासिल की थी। पत्रकारों के लिए भी वे बहुत सहज थे और स्थिति कैसी भी हो, हमेशा बात करने के लिए तैयार रहते थे। मनोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे। रघुवंश प्रसाद सिंह का राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन से शुरू हुआ था। मनरेगा योजना का बड़ा श्रेय भी रघुवंश प्रसाद को जाता है।
रघुवंश प्रसाद 1977 में वह पहली बार विधायक बने और बाद में बिहार में कर्पूरी ठाकुर सरकार में मंत्री भी बने। बिहार के वैशाली लोकसभा क्षेत्र से 1996 से लगातार पांच बार सांसद रह चुके हैं। हालांकि 2014 में उन्हें रामा किशोर सिंह और फिर 2019 में वीण देवी से हार का सामना करना पड़ा।
हाल में रामा किशोर सिंह के आरजेडी में शामिल होने की चर्चा से वे नाराज बताए जा रहे थे और बताया गया कि इसी कारण पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया था।