रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये पीडब्ल्यूडी अधिकारी की तबीयत बिगड़ी, बंगले से मिली 9.27 लाख की संदिग्ध रकम
By भाषा | Published: August 1, 2019 01:34 PM2019-08-01T13:34:01+5:302019-08-01T13:34:01+5:30
पुलिस अफसर ने बताया कि जिस ठेकेदार की शिकायत पर जायसवाल को घूस लेते पकड़ा गया, उसकी फर्म ने इंदौर जिले के महू और बड़वानी जिले के जुलवानिया के बीच सड़क निर्माण किया है। इस काम के बदले ठेकेदार को पीडब्ल्यूडी से करीब 50 लाख रुपये लेने हैं।
सड़क ठेकेदार से तीन लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये आला पीडब्ल्यूडी अधिकारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत राशि के अलावा उसके सरकारी बंगले से 9.27 लाख रुपये की संदिग्ध रकम भी जब्त की है। लोकायुक्त पुलिस के अधीक्षक सव्यसाची सर्राफ ने बताया कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के संभाग क्रमांक-1 के कार्यपालन इंजीनियर (ईई) धर्मेन्द्र जायसवाल के ओल्ड पलासिया क्षेत्र स्थित सरकारी बंगले से जब्त 9.27 लाख रुपये की संदिग्ध रकम का स्त्रोत पता लगाया जा रहा है।
इसके साथ ही, पीडब्ल्यूडी अधिकारी की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। सर्राफ ने बताया कि जायसवाल को सड़क ठेकेदार मेहरूद्दीन खान की शिकायत पर बुधवार रात जाल बिछाकर पकड़ा गया। जायसवाल अपने सरकारी बंगले में खान से तीन लाख रुपये की कथित घूस ले रहे थे।
लोकायुक्त पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि घूस लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद जब पीडब्ल्यूडी अफसर के सरकारी बंगले की तलाशी ली गयी, तो वहां एक अलमारी की दराज से 9.27 लाख रुपये की नकदी मिली। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान पीडब्ल्यूडी अधिकारी गश खाकर गिर पड़ा।
हृदय में दर्द और उच्च रक्तचाप की शिकायत पर उसे नजदीक के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच के बाद तसदीक की कि जायसवाल का रक्तचाप बढ़ा हुआ है। उसकी हालत पर निगाह रखी जा रही है।
पुलिस अफसर ने बताया कि जिस ठेकेदार की शिकायत पर जायसवाल को घूस लेते पकड़ा गया, उसकी फर्म ने इंदौर जिले के महू और बड़वानी जिले के जुलवानिया के बीच सड़क निर्माण किया है। इस काम के बदले ठेकेदार को पीडब्ल्यूडी से करीब 50 लाख रुपये लेने हैं।
आरोप है कि सरकारी खजाने से सड़क निर्माण के बिल भुगतान कराने के बदले पीडब्ल्यूडी अफसर ने ठेकेदार से घूस मांगी थी। सरकारी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। विस्तृत जांच जारी है।