पंजाब जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 104 हुई, CM अमरिंदर सिंह के इस्तीफे से लेकर CBI जांच तक की उठी मांग
By भाषा | Published: August 3, 2020 12:28 AM2020-08-03T00:28:08+5:302020-08-03T00:28:08+5:30
पंजाब जहरीली शराब कांड: शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है और राज्य में कांग्रेस नेताओं पर अवैध शराब के धंधे को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किये। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
चंडीगढ़: पंजाब में जहरीली शराब पीने से 18 और लोगों की मौत की सूचना के साथ ही राज्य में रविवार (2 अगस्त) को इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 104 हो गई। अधिकारी ने बताया कि 18 मौत में से 17 इस त्रासदी से सबसे ज्यादा प्रभावित तरनतारन जिले में हुई हैं। 18वां व्यक्ति गुरदासपुर के बटाला का था। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट किया है कि त्रासदी में मरने वालों की संख्या 104 हो गई है। तरनतारन में 80 लोगों की मौत हुई है जबकि गुरदासपुर के बटाला और अमृतसर में 12-12 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से गई है।
अकाली दल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का मांगा इस्तीफा
अकाली दल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से इस्तीफा देने की मांग की और कांग्रेस के कुछ नेताओं पर जहरीली शराब कारोबार को संरक्षण देने के आरापे लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की। अकाली दल ने इस घटना में राज्य सरकार द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश को खारिज करते हुए सीबीआई से या उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।
इस बीच आम आदमी पार्टी ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान ने संकेत दिया कि इसमें राजनीतिक लोग शामिल हो सकते हैं। आप ने जहरीली शराब कांड को लेकर सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किये।
अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, ‘‘इस घटना की जांच सीबीआई से या उच्च न्यायालय के किन्हीं वर्तमान न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।’’ उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जांच के आदेश को महज छलावा करार दिया। मजीठिया ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘इस मानव जनित त्रासदी के लिए जिम्मेदार सभी लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।’’ उन्होंने इस घटना के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।
जानें पंजाब जहरीली शराब कांड कब क्या-क्या हुआ?
पंजाब के इन तीन जिलों में बुधवार की शाम से शुरू हुई त्रासदी में शनिवार रात तक 86 लोगों की मौत होने की सूचना थी। आज दिन में तरनतारन के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने कहा था कि “क्षेत्र से मिली जानकारी” के आधार पर प्रशासन मृतकों की संख्या बता रहा है क्योंकि कुछ मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोगों ने तो इसकी शिकायत भी नहीं की है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है।
पंजाब सरकार पहले ही इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे चुकी है। हालांकि शिअद ने इस जांच को सिरे से खारिज किया है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार (1 अगस्त) को छह आबकारी और सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित किये जाने की घोषणा की थी। उन्होंने पुलिस और आबकारी विभाग के जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री पर रोक नहीं लगा पाने को “शर्मनाक” करार दिया था। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है।