पंजाबः मकान की छत के लिए सरकारी मदद के इंतजार में ठंड से मर गया दिव्यांग
By बलवंत तक्षक | Published: December 28, 2018 05:09 AM2018-12-28T05:09:29+5:302018-12-28T05:09:29+5:30
दिव्यांग पत्नी और उसके चार बच्चों के पास नहीं है कमाई का कोई जरिया
पांच महीने से इस परिवार को सरकारी मदद का इंतजार था. यह सहायता प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलनी थी. आर्थिक मदद का इंतजार करता यह परिवार कड़ाके की ठंड में बिना छत के मकान में रह रहा था. परिवार का मुखिया दिव्यांग था. ठंड की वजह से अब इसकी मौत हो गई है. यह घटना हरियाणा के रेवाड़ी जिले में कोसली क्षेत्र के गांव गढ़ी बिसोहा की है. मृतक की पत्नी भी दिव्यांग है. उसका कहना है कि पांच महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किस्त नहीं मिली, इसी वजह से मकान की छत नहीं पड़ी. दो कमरों के इस अधूरे मकान में परिवार के छह सदस्य रहते हैं.
मृतक की पत्नी आशा देवी ने कहा कि घर का मुखिया रात में आधे टीन शेड पड़े कमरे में सोया था, जो सुबह मृत अवस्था में मिला. ठंड लगने से उसका पति मौत के मुंह में चला गया. रेवाड़ी के डिप्टी कमिश्नर ने मामले की जांच के लिए अफसरों की टीम गांव में भेजी है. आशा के तीन बेटियां और एक बेटा है, लेकिन उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है.
गढ़ी बिसोहा गांव के बुजुर्ग पप्पू सिंह को पंचायत की तरफ से एक सौ वर्ग गज का प्लॉट आवंटित किया गया था. मकान बनाने के लिए उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया था. पप्पू सिंह और उसकी पत्नी आशा देवी, दोनों ही दिव्यांग हैं, इसलिए घर में आय का कोई जरिया नहीं है. वे खेतों में मजदूरी कर के अपना पेट पालते रहे हैं.
पप्पू सिंह को पहली किस्त के पैसे मिल गए थे. इन पैसों से उसने छत तक मकान तैयार कर लिया था. उसे दूसरी किस्त मिलने का इंतजार था. इस बीच वह दो कमरों के इस आधे-अधूरे मकान में टीन डाल कर रहने लगा था, लेकिन उसे क्या पता था कि दूसरी किस्त मिलने से पहले ही ठंड उसकी जान ले लेगी.