पांच राज्यों में BJP की हार के बाद पार्टी नेताओं की और बढ़ेगी परेशानी, यहां गांवों में घुसने से रोकेंगे किसान
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 13, 2018 05:14 AM2018-12-13T05:14:15+5:302018-12-13T05:14:15+5:30
राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ के मुताबिक बैठक में हरियाणा, पंजाब समेत कई अन्य राज्यों के किसान नेता शामिल थे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जहां किसानों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई.
भाजपा की पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी नेताओं की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं. किसानों की नाराजगी के चलते ही भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों में भारी खामियाजा भुगतना पड़ा है. आने वाले लोकसभा चुनावों में किसान भाजपा सरकार के खिलाफ अब और आक्रामक हो रहे हैं. भाजपा को सबक सिखाने के मकसद से पंजाब-हरियाणा के किसानों की तरफ से नेताओं के गांवों में घुसने पर रोक लगाई जाएगी. यह फैसला राष्ट्रीय किसान महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया.
राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ के मुताबिक बैठक में हरियाणा, पंजाब समेत कई अन्य राज्यों के किसान नेता शामिल थे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जहां किसानों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई.
बैठक में निर्णय लिया गया कि लोकसभा चुनावों से पहले जिस राजनीतिक दल का नेता किसानों की मांगों को पूरा करने का लिखित वादा करेगा, सिर्फउसी को गांवों में घुसने दिया जाएगा. बैठक में तय किया गया कि किसानों की मांगों पर टालमटोल की नीति अपनाने वाले नेताओं के गांवों में घुसने पर पाबंदी रहेगी.
इस फैसले पर अमल के लिए सभी गांवों में 20 दिसंबर से किसानों को लामबंद किया जाएगा. इस फैसले के जरिये किसान संगठन केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंगे. किसानों की मांगें किसान संगठनों की मांग है कि किसान की न्यूनतम आय 18 हजार रु पए महीने तय कर दी जाए. सभी फसलों की खरीद यकीनी बनाने के लिए कानून बनाया जाए. सभी किसानों को कर्ज मुक्त किया जाये और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिया जाये.