पंजाब: चुनाव से पहले अकाली दल की किसान नेताओं के साथ ठनी, जानिए क्या है पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 23, 2021 12:21 PM2021-09-23T12:21:08+5:302021-09-23T14:41:13+5:30
बीते 17 सितंबर को केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अकाली दल ने दिल्ली जाने की तैयारी की थी लेकिन उसका आरोप है कि प्रदर्शनकारियों के रूप में पहुंचे गुंडों ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल्ली पहुंचने से रोक दिया.
चंडीगढ़: कृषि कानूनों के मुद्दे पर एनडीए गठबंधन से अपना नाता तोड़ने वाले अकाली दल की पंजाब में चुनावों से ठीक पहले किसान नेताओं के साथ ठन गई है.
दरअसल, बीते 17 सितंबर को केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अकाली दल ने दिल्ली जाने की तैयारी की थी लेकिन उसका आरोप है कि प्रदर्शनकारियों के रूप में पहुंचे गुंडों ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल्ली पहुंचने से रोक दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी ने किसान नेताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
वहीं, इसी कारण पंजाब चुनाव के मद्देनजर अकाली दल का चुनाव क्षेत्र के अनुसार जनता तक पहुंचने का कार्यक्रम 'गल पंजाब दी' भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है.
हालांकि, इन आरोपों को भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने अकाली दल की खीझ करार दिया और कहा कि वे केवल किसान आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अगर किसी कार्यकर्ता के साथ कुछ गलत हुआ तो उन्हें हमसे संपर्क करना चाहिए था.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अकाली दल को चुनाव क्षेत्रवार जनता पहुंचने के अपने कार्यक्रम गल पंजाब दी को रोकना पड़ा हो. इससे पहले मोगा में बादल के खिलाफ किसानों के कड़े विरोध के कारण पार्टी को अपना कार्यक्रम छह दिन के लिए टाल दिया था.
बता दें कि, अकाली दल 64 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. कृषि कानूनों के मुद्दे पर भाजपा से नाता तोड़ने के बाद उसने बसपा के साथ गठबंधन किया है जिसमें अकाली 97 और बसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.