पंजाबः अकेले पड़े कैप्टन अमरिंदर सिंह, पत्नी-बेटा भी साथ नहीं, पार्टी विधायकों ने भी काटी कन्नी, समर्थक भी पसोपेश में

By हरीश गुप्ता | Published: October 3, 2021 09:43 PM2021-10-03T21:43:52+5:302021-10-03T21:45:20+5:30

पति अमरिंदर सिंह द्वारा कांग्रेस छोड़ने की सार्वजनिक घोषणा के बाद भी परनीत कौर ने बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं फिलहाल पार्टी नहीं छोड़ने वाली.’’

punjab congress Captain Amarinder Singh alone wife-son together party MLAs also cut supporters  | पंजाबः अकेले पड़े कैप्टन अमरिंदर सिंह, पत्नी-बेटा भी साथ नहीं, पार्टी विधायकों ने भी काटी कन्नी, समर्थक भी पसोपेश में

समर्थक भी फरवरी के विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन और भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं. 

Highlightsपत्नी व लोकसभा सांसद (पटियाला) परनीत कौर और बेटे रणंदर सिंह भी कांग्रेस नहीं छोड़ना चाहते. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया था कि उन्हें कांग्रेस विधायकों का समर्थन हासिल है.गुरुवार को जब वह चंडीगढ़ लौटे तो गिनती के विधायक उनसे मिलने पहुंचे.

नई दिल्लीः पंजाब की आए राजनीतिक भूचाल के बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अलग-थलग पड़ते दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस छोड़ने की उनकी धमकियों के बीच 78 कांग्रेसी विधायकों में से कोई भी उनके साथ नहीं दिखता.

कैप्टन के अकेलेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी पत्नी व लोकसभा सांसद (पटियाला) परनीत कौर और बेटे रणंदर सिंह भी कांग्रेस नहीं छोड़ना चाहते. उल्लेखनीय है कि गत बुधवार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया था कि उन्हें कांग्रेस विधायकों का समर्थन हासिल है.

गुरुवार को जब वह चंडीगढ़ लौटे तो गिनती के विधायक उनसे मिलने पहुंचे. उनके समर्थक भी मानते हैं कि कैप्टन भले ही पंजाब विकास पार्टी (पीवीपी) लांच कर दें, लेकिन उनके समर्थन में तेजी से गिरावट आ रही है. ऐसे में समर्थक भी फरवरी के विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन और भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं. 

पति द्वारा कांग्रेस छोड़ने की सार्वजनिक घोषणा के बाद भी परनीत कौर ने बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं फिलहाल पार्टी नहीं छोड़ने वाली.’’ अमरिंदर की विधानसभा सीट पटियाला (शहर), दरअसल परनीत कौर के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों में से एक है.

यह भी स्पष्ट हो चुका है कि पटियाला के छह कांग्रेस विधायकों में से कोई भी कैप्टन के साथ नहीं जा रहा. परनीत कौर ही नौ विधानसभा सीटों के लोगों, नेताओं से दैनिक संपर्क में रहती थीं.  कांग्रेस की राज्य इकाई में कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुके कैप्टन के इकलौते बेटे र¨णंदर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं. वह भी पिताजी की भाजपा से राजनीतिक नजदीकियों से सहमत नहीं दिखते. कैप्टन के अलग-थलग पड़ने के ही कारण शायद न तो कैप्टन और न ही भाजपा ने अब तक नए मुख्यमंत्री से विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग की है. 

पंजाब में नया मोर्चा बनाएंगे कैप्टन

कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई राजनीतिक पार्टी का नाम  ‘पंजाब विकास पार्टी’  होगा. इस सिलसिले में कैप्टन करीबियों और नवजोत सिंह सिद्धू के विरोधियों से बातचीत कर रहे हैं. उम्मीद है कि नई पार्टी की घोषणा इसी हफ्ते कर दी जाएगी.

माना जा रहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को खत्म कराने के बाद वे भाजपा से चुनावी समझौता कर सकते हैं. कैप्टन उन लोगों को पार्टी में शामिल करेंगे, जिन्हें मंत्रिमंडल में फिर से मौका नहीं मिला है.

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