पंजाब कांग्रेसः असली मुद्दों पर डटा रहूंगा, नवजोत सिंह सिद्धू ने फिर साधा निशाना, कहा-आइये धुंध को साफ करें
By भाषा | Published: October 24, 2021 06:53 PM2021-10-24T18:53:21+5:302021-10-24T18:55:49+5:30
Punjab Congress: अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बीच पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
चंडीगढ़ः कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को कहा कि राज्य को ऐसे वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसका संबंध हर पंजाबी से है।
वहीं, सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि उन्होंने पार्टी की प्रदेश इकाई में ‘‘इस तरह की अराजकता’’ कभी नहीं देखी। तिवारी ने ट्वीट किया कि पार्टी के नेता ‘‘बच्चों की तरह एकदूसरे से सार्वजनिक रूप से झगड़ रहे हैं’’ और ‘‘अप्रिय भाषा’’ का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन दोनों नेताओं के ये बयान ऐसे समय आये हैं, जब पाकिस्तानी पत्रकार अरुसा आलम के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की दोस्ती को लेकर उनके (सिंह) और पंजाब के कई कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है। पंजाब में कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं।
अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बीच पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। सिंह ने हाल में कहा था कि वह जल्द ही अपना राजनीतिक दल बनाएंगे। सिद्धू ने इससे पहले दिन में ट्वीट किया था, ‘‘पंजाब को वास्तविक मुद्दों पर फिर से ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसका संबंध हर पंजाबी और हमारी आने वाली पीढ़ियों से है। हम उस वित्तीय आपातकाल का मुकाबला कैसे करेंगे, जोकि एक बड़े संकट के रूप में हमारे दरवाजे पर दस्तक देने के लिए तैयार है।
मैं राज्य से संबंधित वास्तविक मुद्दों को लेकर किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटूंगा।’’ सिद्धू ने कहा, ‘‘अपूरणीय क्षति और क्षति नियंत्रण के आखिरी मौके के बीच विकल्प स्पष्ट है। राज्य के संसाधनों को निजी जेब में जाने के बजाय वापस राज्य के खजाने में कौन लाएगा? हमारे महान राज्य को समृद्धि के लिए पुनरुत्थान की पहल का नेतृत्व कौन करेगा?’’
सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘आइये धुंध को साफ करें, पंजाब के पुनरुद्धार के रोडमैप पर वास्तविकता सूरज की तरह चमके, स्वार्थी निहित स्वार्थों की रक्षा करने वालों को दूर करें और केवल उस मार्ग पर ध्यान केंद्रित करें जो “जीतेगा पंजाब, जीतेगी पंजाबियत और जीतेगा हर पंजाबी’ की ओर ले जाएगा।’’ इस बीच, आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने कांग्रेस की पंजाब इकाई में घटनाक्रम पर निराशा जतायी और सवाल किया कि क्या पार्टी को लगता है कि लोग प्रतिदिन इस तरह की चीजें होने से निराश नहीं होते हैं।
Let the mist clear, reality shine like the sun upon the roadmap for revival of Punjab, shunning those who protect the selfish vested interests and focus only on the path that will lead to Jittega Punjab, Jittegi Punjabiyat and Jittega Har Punjabi !!! 3/3
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 24, 2021
तिवारी ने कहा कि उन्होंने पार्टी की प्रदेश इकाई में ‘‘इस तरह की अराजकता’’ कभी नहीं देखी। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के खिलाफ ‘‘अप्रिय भाषा’’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। तिवारी ने कई ट्वीट करके 2015 की बेअदबी की घटनाओं, नशीले पदार्थ की समस्या और बिजली खरीद समझौते जैसे मुद्दों पर जांच की प्रगति पर सवाल उठाया।
Punjab must come back to its real issues that concern every punjabi and our future generations … How will we counter the financial emergency that stares upon us ? I will stick to the real issues and not let them take a backseat ! 1/3
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 24, 2021
उन्होंने एक साक्षात्कार में उनके उल्लेख को लेकर कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पर भी निशाना साधा। तिवारी ने कहा, ‘‘चूंकि आपने (रावत) इस साक्षात्कार में मेरा उल्लेख किया था-- मैं भी आपका तब से सम्मान करता हूं, जब मैं नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) का नेतृत्व करता था और आप कांग्रेस सेवादल का नेतृत्व करते थे।
हालांकि, कांग्रेस में मेरे 40 वर्षों से अधिक के समय में मैंने ऐसी अराजकता कभी नहीं देखी, जो आज पंजाब कांग्रेस में चल रही है।’’ तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष द्वारा एआईसीसी की बार-बार खुली अवहेलना, बच्चों की तरह साथी एक-दूसरे के साथ सार्वजनिक रूप से झगड़ते हैं। एक-दूसरे के खिलाफ अप्रिय भाषा का उपयोग करते हैं...। पिछले पांच महीनों से, यह पंजाब कांग्रेस बनाम पंजाब कांग्रेस है। क्या हमें लगता है कि पंजाब के लोग प्रतिदिन होने वाली इस तरह की चीजों से निराश नहीं होते हैं?’’
उन्होंने कांग्रेस द्वारा अपनी पंजाब इकाई में गुटबाजी समाप्त करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय समिति के गठन को ‘‘निर्णय की एक गंभीर त्रुटि’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘विडंबना यह है कि जिन लोगों ने दूसरों के उल्लंघन करने और पथभ्रष्ट होने की सबसे अधिक शिकायत की, वे दुर्भाग्य से खुद उल्लंघनकर्ता थे और हैं। इतिहास में यह दर्ज किया जाएगा कि उस समिति के गठन का निर्णय एक गंभीर त्रुटि थी, जिसने कथित और वास्तविक शिकायतें परोक्ष तौर पर सुनी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन मुद्दों को लेकर प्रगति कहां है जिसने इन विधायकों और अन्य प्रमुखों को आंदोलित किया--मादक पदार्थ, बिजली पीपीए, अवैध रेत खनन। क्या उसपर कोई प्रगति हुई ?’’ हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल और हरीश रावत के साथ अपनी बैठक के दौरान सिद्धू ने पार्टी नेतृत्व द्वारा सौंपे गए 18 सूत्री एजेंडे पर चिंता जताई थी, जिस पर कार्रवाई अभी लंबित है। इस 18 सूत्री एजेंडे में 2015 की बेअदबी के मामलों और ड्रग्स माफिया के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है।
सिद्धू ने सोनिया गांधी को गत 15 अक्टूबर को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने उन विभिन्न मुद्दों का उल्लेख किया था, जिस पर सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए। उन्होंने पत्र में कहा था कि यह चुनावी राज्य के ‘‘पुनरुत्थान का आखिरी मौका’’ है। सिद्धू ने 13-सूत्री एजेंडे वाले एक पंजाब मॉडल पर जोर दिया था, जिसे 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणापत्र में शामिल करने की वकालत की थी।