पंजाब कांग्रेस में सिद्धू को लेकर फिर फंसा पेच, पार्टी ने टाली प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा, सांसदों को भी सिद्धू स्वीकार नहीं
By शीलेष शर्मा | Published: July 18, 2021 07:29 PM2021-07-18T19:29:54+5:302021-07-18T19:34:08+5:30
कांग्रेस आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावजूद पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच उठे मतभेद सुलझने की जगह और उलझते जा रहे हैं।
कांग्रेस आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावजूद पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच उठे मतभेद सुलझने की जगह और उलझते जा रहे हैं। पार्टी आज शाम 5 बजे सिद्धू को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने की औपचारिक घोषणा करने वाली थी, लेकिन पार्टी को अपना फैसला उस समय रोकना पड़ा जब उसे पता चला कि पार्टी के पंजाब के सांसद इस फैसले के खिलाफ हैं तथा चुनाव से पूर्व पार्टी में बगावत हो सकती है।
दरअसल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा जो अमरिंदर सिंह के खिलाफ थे, अब कैप्टन सिंह से हाथ मिला चुके हैं ताकि सिद्धू को अध्यक्ष बनाये जाने से रोका जा सके। मज़ेदार बात तो यह है कि बाजवा अब स्वयं प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं। सूत्र बताते हैं कि कल रात बाजवा और कैप्टन की मुलाक़ात के बाद कैप्टन की पत्नी प्रनीति कौर ने बाजवा के साथ मिल कर सभी सांसदों को लामबंद किया, ताकि सोमवार को सोनिया गांधी से मिलकर सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने से रोका जा सके। हालांकि सोनिया ने अभी तक इन सांसदों को मिलने का कोई वक्त नहीं दिया है।
इधर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कल पार्टी नेताओं और विधायकों की बैठक बुलाई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित करने की योजना है, जिसमें सोनिया गांधी के किसी भी फैसले को स्वीकार किए जाने की बात होगी। जहां कैप्टन बाजवा को आगे कर सिद्धू को रोकने की कोशिश कर रहे हैं तो सोनिया भी अब तैय कर चुकीं हैं कि सिद्धू को ही अध्यक्ष बनाया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से गुटबाजी अपने चरम पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव अपने चरम पर है। ऐसे में सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाओं के बीच सिद्धू अपने लिए समर्थन जुटाने की कोशिश में जुटे हैं और लगातार राज्य के मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं।