यदि सिद्धू काम नहीं करना चाहते तो इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता: अमरिंदर
By भाषा | Published: July 15, 2019 04:58 PM2019-07-15T16:58:30+5:302019-07-15T16:58:30+5:30
सिद्धू पंजाब के कैबिनेट मंत्री पद से अपना इस्तीफा घोषित कर चुके हैं। उन्होंने 10 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गये त्यागपत्र को सार्वजनिक कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह अपना त्यागपत्र शीघ्र ही मुख्यमंत्री को भी भेजेंगे। सिद्धू ने सिंह के साथ चल रही तनातनी के बीच इस्तीफा दिया।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि यदि उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू अपना काम नहीं करना चाहते हैं, तो वह कुछ कर नहीं सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री को धान की फसल के अहम सीजन के दौरान काम छोड़कर जाने के बजाय अपने नये विभाग को स्वीकार करना चाहिए था। उन्होंने दोहराया कि सिद्धू को काम दिया था जिसे उन्हें स्वीकार करना चाहिए था और करना चाहिए था।
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि सिद्धू काम नहीं करना चाहते तो इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता।’’ मुख्यमंत्री ने सवाल दागा कि कैसे कोई सैनिक, जनरल द्वारा उसे दिये गये कार्य को करने से इनकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को प्रभावी तरीके से काम करना है तो उसमें कुछ अनुशासन तो होना ही चाहिए।
सिद्धू पंजाब के कैबिनेट मंत्री पद से अपना इस्तीफा घोषित कर चुके हैं। उन्होंने 10 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गये त्यागपत्र को सार्वजनिक कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह अपना त्यागपत्र शीघ्र ही मुख्यमंत्री को भी भेजेंगे। सिद्धू ने सिंह के साथ चल रही तनातनी के बीच इस्तीफा दिया।
Punjab CM on Navjot Singh Sidhu: I have no issues with him, I had in fact given him a very important portfolio after the reshuffle. It was his decision to quit the Cabinet. I have been told that he has sent the letter to my office, will go through it&then see what is to be done. https://t.co/PhWK9OmY7M
— ANI (@ANI) July 15, 2019
सिंह ने हाल ही में मंत्रिमंडल में फेरदबदल के दौरान सिद्धू का विभाग स्थानीय शासन से बदलकर बिजली विभाग कर दिया था। हालांकि, सिद्धू ने नए विभाग का कार्यभार नहीं संभाला क्योंकि वह अपना विभाग बदले जाने से नाराज थे। जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या सिद्धू ने सुलह की कोई कोशिश की है तो उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उनसे कोई समस्या नहीं है। यदि उन्हें मुझसे हैं तो आपको उनसे ही पूछना होगा।’’
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष को त्यागपत्र भेजे जाने में उन्हें कोई नुकसान नजर नहीं आता। सिंह ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान के साथ विचार कर मंत्रिमंडल पर फैसला किया गया था अतएव सिद्धू द्वारा पार्टी अध्यक्ष को त्यागपत्र भेजा जाना सही है।
वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट करने के बाद संसद भवन के परिसर में संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल श्री गुरू नानक देव जी की 550 वीं जयंती समारोह पर प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करने के लिए किया।
प्रधानमंत्री ने उसमें हिस्सा लेने और उसे सफल बनाने के लिए सभी संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। सिद्धू के त्यागपत्र पर सिंह ने कहा कि उन्हें पता चला कि चंडीगढ़ में उनके निवास पर त्यागपत्र भेजा गया है लेकिन उन्होंने उसे अबतक देखा नहीं है, उसे पढ़ने के बाद ही वह कुछ कह पायेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने 17 में से 13 मंत्रियों का विभाग बदला लेकिन केवल सिद्धू ही एकमात्र ऐसे सदस्य हैं जिन्हें परेशानी है।