पंजाब विधानसभा चुनावः चन्नी सरकार का दिवाली तोहफा, बिजली दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की कटौती, महंगाई भत्ता 28 प्रतिशत बढ़ा
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 1, 2021 06:57 PM2021-11-01T18:57:54+5:302021-11-01T22:04:29+5:30
नई दरों के साथ पंजाब आवासीय कनेक्शन के लिए सबसे सस्ती बिजली की पेशकश करने वाला भारत का एकमात्र राज्य बन गया है।
चंडीगढ़ः पंजाब में आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को बिजली की दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की कटौती करने का सोमवार को फैसला किया।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घोषणा करते हुए कहा, "आज हमने जो बिजली खरीदी है वह 2.65 रुपये में है। जब हमने एक सर्वेक्षण किया, तो लोगों ने हमें बताया कि उन्हें मुफ्त नहीं बल्कि सस्ती बिजली चाहिए।" "हमारी दर अब 100 वाट तक 1.19 रुपए है। 100 से 300 यूनिट से नई बिजली दरें 4 रुपए प्रति यूनिट होगी।
पहले यह 7 रुपए थी और 300 यूनिट से ऊपर लोगों को दर पर बिजली मिलेगी 5 रुपये प्रति यूनिट।" इसलिए आवासीय कनेक्शन के हर स्लैब में 3 रुपये की कटौती की गई है। नई दरें आज से लागू होंगी। आज से लागू नई दरों के साथ पंजाब आवासीय कनेक्शन के लिए सबसे सस्ती बिजली की पेशकश करने वाला भारत का एकमात्र राज्य बन गया है। हालांकि, इस कदम से सरकार पर 3,316 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
पंजाब : सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 28 प्रतिशत बढ़ा
पंजाब सरकार ने सोमवार को अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को मौजूदा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर मूल वेतन का 28 प्रतिशत कर दिया, जिससे सरकारी खजाने पर प्रति माह 440 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई भत्ता (डीए) 17 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने पर हर महीने 440 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। चन्नी ने कहा कि डीए जुलाई से बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी राज्य प्रशासन की रीढ़ हैं और उनके कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि एक जनवरी 2016 के बाद भर्ती किए गए कर्मचारियों को भी अन्य कर्मचारियों के समान संशोधित वेतन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। हालांकि किसी कनिष्ठ कर्मचारी का वेतन उसके वरिष्ठों के वेतन से अधिक निर्धारित नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे आंदोलन के रास्ते पर नहीं चलेंगे बल्कि आपसी चर्चा के माध्यम से अपने मुद्दों को सुलझाएंगे।