पंजाब और हरियाणाः खेत में पराली जलाने का मामला, 86004 मामले दर्ज, पांच साल में सबसे ज्यादा, जानिए सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 23, 2021 07:12 PM2021-11-23T19:12:00+5:302021-11-23T19:12:51+5:30
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को किसानों से वादा किया कि पराली जलाने को लेकर उनके खिलाफ दर्ज पुराने मामलों को रद्द कर दिया जाएगा।
चंडीगढ़ः हरियाणा और पंजाब में फसल अवशेष के प्रबंधन और खेतों में पराली जलाने के लिए जुर्माना लगाये जाने के बावजूद प्रदेश में खेतों में आग लगाने की 86004 घटनाएं दर्ज की गयी हैं। यह 2016 के बाद सबसे बड़ी अधिक है।
इस साल 1 सितंबर से 22 नवंबर के बीच पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों को मिलाकर खेतों में आग जलाने के 86,004 मामले सामने आए हैं, जो पांच साल में सबसे ज्यादा हैं। इस सीजन में अब तक पंजाब के संगरूर में सबसे ज्यादा 8,872 मामले सामने आए हैं। इसके बाद भटिंडा, मोगा और फिरोजपुर जिलों का नंबर है। कीव रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
लुधियाना में खेतों में आग जलाने के मामले बीते साल 3,885 की तुलना में बढ़कर 5,395 हो गए। इस अवधि में हरियाणा के फतेहाबाद में खेतों में आग जलाने के सबसे ज्यादा 1,968 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कैथल, जींद और करनाल जिलों का नंबर है। राज्य सरकार ने अब तक दोषी किसानों के खिलाफ 2.46 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है।
आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में 2019 में 52,991 की तुलना में 2020 में पराली जलाने की 76,590 घटनाएं देखी गई थीं। राज्य सरकार द्वारा पूरे पंजाब में नोडल अधिकारियों की तैनाती और फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए अधिक मशीनें देने के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सरकार हमें धान की पराली के प्रबंधन के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे।’’ पंजाब और हरियाणा के किसानों पर अक्सर धान की पराली जलाने से वायु प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया जाता है और अकेले पंजाब में सालाना 20 मिलियन टन धान की पराली पैदा होती है।