पंजाब कांग्रेस में टकराव, ‘दागी’ पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह का विरोध, 6 एमएलए ने नवजोत सिंह सिद्धू को पत्र लिखा
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 26, 2021 03:53 PM2021-09-26T15:53:00+5:302021-09-26T15:54:50+5:30
परगट सिंह, राज कुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, संगत सिंह गिलजियान, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, कुलजीत नागरा और राणा गुरजीत सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
चंडीगढ़ः पंजाब कांग्रेस में रार जारी है। कांग्रेस के 6 विधायक और 1 पूर्व पीसीसी अध्यक्ष ने राज्य पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को एक संयुक्त पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट में नहीं शामिल किया जाए। राणा गुरजीत सिंह पर 'खनन घोटाला' का केस है।
कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि पार्टी उनकी (राणा गुरजीत सिंह की) मंत्री के रूप में प्रस्तावित नियुक्ति के साथ एक बड़ी गलती करने जा रही है। हम इस बारे में अपने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष (नवजोत सिंह सिंधु) से बात करेंगे।
यह पत्र पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मोहिंदर सिंह कायपी, विधायक नवतेज सिंह चीमा, बलविंदर सिंह धालीवाल, बावा हेनरी, राज कुमार, शाम चौरसी, पवन आदिया और सुखपाल सिंह खैरा ने लिखा है। खैरा हाल ही में आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं।
Party is going to create a big blunder with his (Rana Gurjeet Singh's) proposed appointment as a minister. We'll talk regarding this with our state party president (Navjot Singh Sindhu): Congress MLA Sukhpal Singh Khaira pic.twitter.com/GbPu3B0eLC
— ANI (@ANI) September 26, 2021
चरणजीत सिंह चन्नी नीत पंजाब सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ घंटे पहले राज्य के कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने रविवार को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को पत्र लिखकर मांग की कि ‘दागी’ पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
इन नेताओं का कहना है कि मंत्री पद उनकी (राणा गुरजीत) जगह साफ छवि वाले दलित नेता को दिया जाना चाहिए। इस पत्र की प्रति मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी भेजी गई है। सूत्रों ने बताया कि पंजाब मंत्रिमंडल में सात नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है जबकि पांच मंत्री जो अमरिंदर सिंह नीत सरकार का हिस्सा थे, उन्हें संभवत: हटा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परगट सिंह, राज कुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, संगत सिंह गिलजियान, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, कुलजीत नागरा और राणा गुरजीत सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, नामों की सूची की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
बालू खनन ठेकों की नीलामी में अनियमितता के आरोपों को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का सामना करने के बाद राणा गुरजीत सिंह को 2018 में अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। तब वह सिंचाई एवं ऊर्जा मंत्री थे। सिद्धू को भेजे पत्र में इन नेताओं ने कहा है कि राणा गुरजीत सिंह ‘‘दोआबा के भ्रष्ट एवं दागी नेता हैं’’ तथा उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।