नरेन्द्र दाभोलकर हत्या केस में पुणे सेशंस कोर्ट ने खारिज की सीबीआई की याचिका, दोनों आरोपियों को भेजा गया जेल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 4, 2019 05:41 PM2019-06-04T17:41:06+5:302019-06-04T17:41:06+5:30
नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 की सुबह गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. उस समय वह सैर के लिए निकले थे. दाभोलकर ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर बनने की बजाय खुद को सामाजिक कार्यों में लगा दिया.
समाजसेवी नरेन्द्र दाभोलकर हत्याकांड में पुणे सेशंस कोर्ट ने सीबीआई की याचिका खारिज कर दी है.
वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे की रिमांड को सीबीआई 14 दिनों के लिए और बढ़ाना चाहती थी लेकिन पुणे सेशंस कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है और दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया.
इससे पहले सीबीआई के अनुरोध पर दोनों आरोपियों को एडिशनल जज एवी रोटे ने 4 जून तक हिरासत में भेज दिया था.
सीबीआई की और कोर्ट में कहा गया कि दोनों आरोपी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं इसलिए रिमांड को बढ़ाया जाए.
बता दें कि नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 की सुबह गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. उस समय वह सैर के लिए निकले थे.
दाभोलकर ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर बनने की बजाय खुद को सामाजिक कार्यों में लगा दिया.
Pune Sessions Court has rejected CBI's plea seeking 14 more days custody of two accused Sanjeev Punalekar and Vikram Bhave in Narendra Dabholkar murder case. Both the accused have been sent to judicial custody. pic.twitter.com/sizIIXXw5Z
— ANI (@ANI) June 4, 2019
उन्होंने साल 1982 में अंधविश्वास निर्मूलन के लिए आंदोलन शुरू किया और 1989 में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की स्थापना की थी.