Pune Porsche Accident Case: पोर्श कार दुर्घटना में शामिल 17 वर्षीय लड़के की रिहाई, बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुणे पुलिस, जानें कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 1, 2024 11:33 AM2024-07-01T11:33:09+5:302024-07-01T11:34:02+5:30

Pune Porsche Accident Case: किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) का आदेश अवैध है और किशोरों से संबंधित कानून का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए।

Pune Porsche Accident Case Release 17-year-old boy involved accident, Pune Police in Supreme Court against Bombay High Court order | Pune Porsche Accident Case: पोर्श कार दुर्घटना में शामिल 17 वर्षीय लड़के की रिहाई, बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुणे पुलिस, जानें कहानी

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Highlights19 मई को दुर्घटना के कुछ घंटों बाद ही जमानत मिल गई थी।देखरेख का जिम्मा उसकी चाची को सौंप दिया था।उच्चतम न्यायालय का रुख करने की योजना बना रही है।

Pune Porsche Accident Case: पुणे पुलिस मई में यहां हुई पोर्श कार दुर्घटना में कथित तौर पर शामिल 17 वर्षीय लड़के को रिहा करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करने की योजना बना रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। बंबई उच्च न्यायालय ने 25 जून को निर्देश दिया था कि पोर्श कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल किशोर को तत्काल रिहा किया जाए, क्योंकि उसे निगरानी गृह भेजने का किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) का आदेश अवैध है और किशोरों से संबंधित कानून का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए।

किशोर को 19 मई को दुर्घटना के कुछ घंटों बाद ही जमानत मिल गई थी, लेकिन लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण तीन दिन बाद उसे महाराष्ट्र के पुणे शहर में निगरानी गृह में भेज दिया गया था। उसे उच्च न्यायालय के आदेश के बाद निगरानी गृह से रिहा कर दिया गया था और उसकी देखरेख का जिम्मा उसकी चाची को सौंप दिया था।

उच्च न्यायालय ने यह आदेश 17 वर्षीय किशोर की चाची द्वारा दायर याचिका पर पारित किया था, जिन्होंने दावा किया था कि लड़के को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुणे पुलिस बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करने की योजना बना रही है।

पुलिस का दावा है कि 19 मई की सुबह शराब के नशे में कार चला रहे किशोर ने पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी, जिससे दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। यह महंगी कार उसके रियल एस्टेट कारोबारी पिता की थी। किशोर के माता-पिता और दादा घटना से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में अभी जेल में हैं।

इनमें से एक मामला रक्त नमूनों की कथित तौर पर अदला-बदली का तथा एक अन्य मामला परिवार के एक वाहन चालक को कथित तौर पर अगवा करने तथा गलत तरीके से बंधक बनाने से जुड़ा है। पुणे की एक अदालत वाहन चालक के कथित अपहरण के मामले में किशोर के पिता और दादा की जमानत याचिका पर सोमवार को फैसला सुना सकती है।

ऐसा आरोप है कि उन्होंने पीड़ित चालक को धमका कर यह जिम्मेदारी लेने के लिए कहा था कि दुर्घटना के वक्त वह गाड़ी चला रहा था। किशोर न्याय बोर्ड ने दुर्घटना के दिन ही किशोर को जमानत दे दी थी और उसे अपने माता-पिता और दादा के पास रहने का आदेश दिया था।

साथ ही किशोर से सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा गया था। जेजेबी के इस फैसले को लेकन उपजे जन आक्रोश के बाद पुलिस ने बोर्ड के समक्ष एक याचिका दायर कर जमानत आदेश में संशोधन करने का अनुरोध किया। बोर्ड ने 22 मई को किशोर को हिरासत में लेने तथा निगरानी गृह में भेजने का आदेश दिया था।

Web Title: Pune Porsche Accident Case Release 17-year-old boy involved accident, Pune Police in Supreme Court against Bombay High Court order

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