चीन-भारत की अनौपचारिक वार्ता के लिए पुणे हो सकती है पहली पसंद

By संतोष ठाकुर | Published: April 26, 2019 10:10 PM2019-04-26T22:10:57+5:302019-04-26T22:10:57+5:30

दोनों देश के बीच सितंबर-अक्टूबर के समय को लेकर सहमति बनी है, जिस शहर में इसे आयोजित करने पर भारत की ओर से विचार किया जा रहा है उसमें पुणे पहले स्थान पर है।

Pune may be the first choice for China-India informal talks | चीन-भारत की अनौपचारिक वार्ता के लिए पुणे हो सकती है पहली पसंद

चीन-भारत की अनौपचारिक वार्ता के लिए पुणे हो सकती है पहली पसंद

अगर केंद्र में फिर से  नरेंद्र मोदी की सरकार आती है तो भारत और चीन के बीच वुहान की तरह अनौपचारिक वार्ता की तैयारी की जा रही है। चीन की ओर से इसके आयोजन के लिए सिंतबर—अक्टूबर की तिथि सुझाई गई है। वहीं, भारत ने नवंबर की तिथि को लेकर प्रस्ताव दिया था। लेकिन इसके बाद दोनों देश के बीच सितंबर-अक्टूबर के समय को लेकर सहमति बनी है, जिस शहर में इसे आयोजित करने पर भारत की ओर से विचार किया जा रहा है उसमें पुणे पहले स्थान पर है। इसकी वजह यह है कि यहां पर वह सभी कारोबार है जिसे दुनिया को इस अनौपचारिक वार्ता के सहारे दिखाया जा सकता है। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस तरह से चीन ने वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वार्ता आयोजित की थी और उसके सहारे पूरी दुनिया को वुहान के बारे में पता चला था। हमारा भी प्रयास है कि हम दूसरी अनौपचारिक वार्ता को भारत को ऐसे शहर में आयोजित करें जहां पर न केवल सभी ढांचागत सुविधाएं हों बल्कि हम दुनिया को यह भी दिखा पाएं कि हमारे भी ऐसे शहर हैं जहां पर वह सभी कारोबार और ढांचागत सुविधाएं हैं जो एक विकसित शहर में होने चाहिए।

इस पैमाने पर पुणे को पहली वरीयता पर रखा गया है। यहां पर ऑटोमोबाइल, शिक्षा, मोबाइल सहित कई अन्य इंडस्ट्री है। वहीं, सड़क, बिजली, पानी और सुरक्षा भी यहां पर उच्च मापदंड के करीब है। इसके साथ ही नजदीक में रक्षा क्षेत्र है और साथ ही पहाड़ी इलाका भी है। इसके अलावा, यहां पर मौसम भी लगभग बेहतर रहता है। मुंबई को लेकर भी विचार किया जा रहा है क्योंकि वहां पर समुद्र और इंडस्ट्री भी है। साथ ही यह देश की वित्तीय राजधानी भी है। लेकिन मुंबई को लेकर एक समस्या यह हो सकती है कि जब प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति वहां होंगे तो उससे शहर में एक अघोषित हाई—अलर्ट हो जाएगा। जिससे जनता को परेशानी हो सकती है। इस अधिकारी ने कहा कि अगर किसी कारण—वश पुणे या मुंबई को नहीं चुना जाता है तो भुवनेश्वर या फिर किसी दक्षिणी राज्य में भी इस अनौपचारिक वार्ता को आयोजित करने पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए जल्द ही राज्य सरकारों से भी वार्ता की जाएगी और उनके प्रस्ताव भी आमंत्रित किये जाएंगे। किसी पहाड़ी प्रदेश को लेकर इसलिए थोड़ा संकुचित विचार रखा जा रहा है क्योंकि सितंबर—अक्टूबर में ठंड थोड़ी अधिक हो सकती है। 

चीन—भारत के बीच पहली अनौपचारिक वार्ता डोकलाम विवाद के बाद हुई थी। इसी तरह इस बार होने वाली अनौपचारिक वार्ता में मुख्य रूप से चीन की ओर से बेल्ट रोड और भारत की ओर से मसूद अजहर का मामला उठाया जा सकता है। चीन के दूसरे बेल्ट रोड सम्मेलन में भारत ने शिरकत से इनकार कर दिया है। वहीं, संयुक्त् राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन ने मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से वैश्विक प्रतिबंध लगाने पर अपने वीटो ताकत का इस्तेमाल करते हुए टेक्नीकल—तकनीकी रोक लगा दी है। हालांकि यह माना जा रहा है कि चीन जल्द ही इस तकनीकी रोक को हटा लेगा क्योंकि वह स्वयं भी इस मामले के जल्द सुलझ जाने का विचार कर बार सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर चुका है। 

Web Title: Pune may be the first choice for China-India informal talks

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