410 करोड़ की काली कमाई का पता चला, गोल्ड और चांदी भी जब्त, आयकर विभाग ने पुणे और मुंबई में मारा छापा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 2, 2021 05:19 PM2021-12-02T17:19:22+5:302021-12-02T17:21:02+5:30
आयकर विभाग ने 24 नवंबर को छह शहरों में 30 परिसरों की तलाशी ली थी। अबतक 400 करोड़ रुपये से अधिक की बिना लेखा जोखा वाली आय का पता चला है।
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने डेयरी फार्मिंग एवं दुग्ध उत्पाद बनाने में लगी पुणे की एक कंपनी पर छापा मारने के बाद 400 करोड़ रुपये की बिना लेखा-जोखा वाली आय का पता लगाया है। आयकर विभाग ने सीबीडीटी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इसके आलावा मुंबई और नवी मुंबई क्षेत्र में झुग्गी बस्ती पुनर्विकास परियोजनाओं में लगे एक रीयल एस्टेट ग्रुप के परिसरों पर छापे के बाद करोड़ों रुपये की कथित कर चोरी का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा 25 नवंबर को इस ग्रुप से संबद्ध करीब 30 परिसरों की तलाशी ली गयी तथा छह करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त की गई।
विभाग ने 24 नवंबर को छह शहरों में 30 परिसरों की तलाशी ली थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा, ‘‘ तलाशी अभियान से बिना लेखा-जोखा वाले नकद की जब्ती हुई तथा ढाई करोड़ रुपये के गहने भी मिले जिनके बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला। कुछ बैंक लॉकर भी हैं जो अबतक क्रियाशील नहीं किये गये हैं। ’’
उसने कहा, ‘‘ अबतक 400 करोड़ रुपये से अधिक की बिना लेखा जोखा वाली आय का पता चला है।’’ विभाग की नीतियां तय करने वाले सीबीडीटी ने कहा, ‘‘कर चोरी से जुड़े कई अभियोजनकारी दस्तावेज एवं सबूत मिले हैं एवं जब्त किये गये हैं। इन सबूतों के प्राथमिक विश्लेषण से फर्जी खरीददारी के दावे, बिना लेखा-जोखा वाली बिक्री, नकद ऋण विनियम तथा उनके भुगतान, बिना स्पष्टीकरण वाले नकद साख जैसे गलत तरीकों से कर योग्य आय पर कर चोरी का पता चलता है।’’
आयकर विभाग यह समूह आवासीय एव वाणिज्यिक दोनों तरह की निर्माण परियोजनाओं के क्षेत्र में सक्रिय है। बयान में कहा गया है, ‘‘कर चोरी के समूह के विभिन्न तरीकों का पता चला है तथा इस बात के कई दस्तावेजी एवं डिजिटल सबूत जब्त किये गये हैं जो 100 करोड़ रुपये की नकद के रूप में प्राप्ति को दर्शाते हैं और यह राशि फ्लैटों की बिक्री के सिलसिले में ली गयी थी लेकिन नियमिति खाता-बही में उसका जिक्र नहीं था।’’
बयान के अनुसार तलाशी के दौरान दर्ज किये गये बयानों से ऐसे विनिमयों पर नकद की प्राप्ति के तथ्य की पुष्टि भी हुई। समूह ने ‘‘ग्राहकों को इन नकद के समतुल्य ‘प्रोमिसरी नोट’ जारी किये तथा फ्लैट का पंजीकरण होने के बाद ‘प्रोमिसरी नोट’ नष्ट कर दिए गए। ’’