पुलवामा हमला: जानिए दुनिया की किन ताकतों ने खुलकर दिया भारत का साथ, कौन अंदरखाने कर रहा है पाकिस्तान का बचाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 16, 2019 10:24 AM2019-02-16T10:24:52+5:302019-02-16T10:48:27+5:30
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले को लेकर अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन और यूरोपीय जैसे कई बड़े देश भारत का समर्थन किया है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए आतंकी आत्मघाती हमले के बाद भारत को पूरी दुनिया से समर्थन मिल रहा है। सऊदी अरब और यूएई जो परंपरागत रूप से पाकिस्तान के समर्थन माने जाते हैं उन्होंने भी इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। अमेरिका पहले ही भारत के साथ आतंक की लड़ाई में खड़ा रहने को लेकर प्रतिबद्धिता जता चुका है।
अब इस बीच विभिन्न देशों के प्रतिनिधि विदेश मंत्रालय पहुंचें। ऐसा कहा जा रहा है कि भारत पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए विश्व के ताकतवर देशों का समर्थन जुटा रहा है। वहीं, पीएम मोदी और अरुण जेटली पहले ही कह चुके हैं कि हम पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने एक्सपोज कर देंगे।
अमेरिका ने किया भारत का समर्थन
पुलवामा में शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने कहा, "भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले की अमेरिका कड़े शब्दों में निंदा करता है।"
अमेरिका के कई सांसदों व नेताओं ने जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के एक काफिले पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर शुक्रवार को भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और कहा कि दोनों देश आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट हैं।
पार्टी लाइन से ऊपर उठकर, प्रतिनिधि सभा और सीनेट के 50 से अधिक सदस्यों ने सोशल मीडिया पर भारत के लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की और जैश-ए-मोहम्मद और उसके प्रायोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया।
फ्रांस से मिला समर्थन
पुलवामा आतंकी हमले पर फ्रांस ने कड़ी निंदा की है। फ्रांस ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े रहने की बात कही। फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यीव्स ली द्रियां ने भारत के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि फ्रांस आतंकवाद से मुकाबले में हमेशा भारत के साथ रहा है और रहेगा।
भारत के साथ आए रूस के राष्ट्रपति
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूत बनाने के लिए अपने देश का समर्थन दोहराया। पुतिन ने कहा, ‘‘मैं भारतीय साझेदारों के साथ आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग को मजबूत करने की अपनी इच्छा दोहराता हूं। रूस में हम भारत के मित्रवत लोगों का दुख साझा करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद करते हैं।’’
ऑस्ट्रेलिया से मिला समर्थन
ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक नेताओं ने भी इस ‘‘जघन्य’’ हमले की निंदा की। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘हम पीड़ितों के परिजन और सभी घायलों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। हमारे विचार मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय लोगों के साथ हैं।’’
नेपाल ने किया समर्थन
भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका ने भी पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की। नेपाल ने कहा कि वह आतंकवाद के सभी स्वरूपों की स्पष्ट शब्दों में निंदा करता है और मानता है कि ऐसे जघन्य कृत्यों को किसी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता।
दक्षिण कोरिया व्यक्त की गहरी संवेदना
दक्षिण कोरिया ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की है. दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और हमले में अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं।'
संयुक्त अरब अमीरात
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मामले एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय ने कहा कि देश ‘‘इस आतंकवादी हमले की निंदा करता है’’। उसने यूएई के ‘‘सैद्धांतिक एवं स्पष्ट रुख’’ को दोहराया कि वह हिंसा एवं आतंकवाद के सभी स्वरूपों को खारिज करता है।
चीन
इस बीच, चीन ने हमले की निंदा तो की, लेकिन उसने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराए जाने की भारत की अपील का समर्थन करने से एक बार फिर इनकार कर दिया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने पत्रकारों से कहा, "चीन आत्मघाती हमले की खबरों से वाकिफ है। हम इस हमले से गहरे सदमे में हैं और मृतकों तथा घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं।"
गेंग ने कहा, ‘‘हम आतंकवाद के किसी भी रूप की कड़ी निंदा और पुरजोर विरोध करते हैं। उम्मीद है कि संबंधित क्षेत्रीय देश आतंकवाद से निपटने के लिये एक दूसरे का सहयोग करेंगे और इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के लिये मिलकर काम करेंगे।"