पुलवामा हमलाः 'देश ने अपने वीर जवानों की शहादत का ले लिया बदला, षड्यंत्र रचने वालों को सुलाया था मौत की नींद'
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 14, 2020 04:12 PM2020-02-14T16:12:13+5:302020-02-14T16:12:13+5:30
जम्मू कश्मीर में केरिपुब के तैनात स्पेशल डीजी जुल्फिकार हसन ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए कहा है कि देश ने अपने वीर जवानों की शहादत का बदला ले लिया है।
एक साल पहले पुलवामा में हुए जिस आत्मघाती हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था उसके प्रति केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) का कहना है कि उन्होंने इस हमले का बदला ले लिया है। हालांकि यह भी सच है कि एक साल बीत जाने के उपरांत भी अभी तक इस मामले में आरोपपत्र दायर नहीं किया जा सका है।
जम्मू कश्मीर में केरिपुब के तैनात स्पेशल डीजी जुल्फिकार हसन ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए कहा है कि देश ने अपने वीर जवानों की शहादत का बदला ले लिया है। डीजी जुल्फिकार हसन ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले का षड्यंत्र रचने वालों को इस घटना के कुछ ही दिनों बाद मौत की नींद सुला दिया गया था।
उनका कहना था कि वो कुछ लोग जिन्होंने उन षड्यंत्रकारियों की मदद की उनको गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया था उनका हिसाब किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जा रही है। यह सही दिशा में आगे बढ़ रही है। वे कहते थे कि जहां तक मुझे पता है, उन्होंने इस मामले में बहुत प्रगति की है। हमने शहीदों के परिवारों की देखभाल करने की पूरी कोशिश की है।
याद रहे जम्मू कश्मीर में साल 2019 में 14 फरवरी को हुए इस आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इस आतंकी हमले में केरिपुब के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर किया गया धमाका इतना तेज था कि केरिपुब की गाड़ी के परखच्चे उड़ गए थे। कई जवान मौके पर शहीद हो गए थे। धमाके के बाद धुएं का गुब्बार छंटा तो दूर तक सड़क खून से लथपथ नजर आ रही थी।
इस बीच यह भी एक सच्चाई है कि पुलवामा हमले को एक साल हो गया है पर आरोपपत्र अभी दायर नहीं किया जा सका है। साजिश को अंजाम देने वाले ज्यादातर सूत्रधार या तो ढेर हो चुके हैं या फिर पाकिस्तान में हैं। ऐसे में जिंदा सुबूत की अभी तलाश है। हालांकि जांच एजेंसियों के पास आत्मघाती हमलावर आदिल का वीडियो है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) मामले की जांच कर रही है।
जांच से जुड़ी एजेंसियों के अनुसार फारेंसिक रिपोर्ट मिल चुकी है, लेकिन हमले में इस्तेमाल उच्च गुणवत्ता वाले विस्फोटक की सही प्रकृति और स्रोत का पता नहीं चल पाया है। हमले के अगले दिन हुई बारिश से कई अहम सुराग धुल गए थे। 14 फरवरी 2019 को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर पुलवामा में जैश के आत्मघाती मानव बम आतंकी आदिल अहमद डार ने केरिपुब की बस पर विस्फोटकों से भरी कार के साथ टक्कर मारी थी और 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। हमलावर आदिल डार के भी परखच्चे उड़ गए थे।
जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, हमले को अमलीजामा पहनाने में लिप्त सभी प्रमुख आतंकी मारे जा चुके हैं। आरोपपत्र में सभी आरोपितों की भूमिका का विस्तार से जिक्र करना होता है। कुछ संदिग्धों को चिह्नित करते हुए उनकी भूमिका के आधार पर जल्द आरोपपत्र दायर करेंगे। साजिश में अजहर मसूद व पाकिस्तान में बैठे साथी भी शामिल थे। आरोप पत्र में पाकिस्तान की भूमिका का उल्लेख होगा।