पुलवाामा हमला: अलगाववादियों पर सरकार का बड़ा कदम, मीरवाइज उमर फारूख समेत 5 नेताओं की हटाई सुरक्षा

By सुरेश डुग्गर | Published: February 17, 2019 12:19 PM2019-02-17T12:19:36+5:302019-02-17T14:54:02+5:30

पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आत्मघाती हमले के बाद जम्मू कश्मीर सरकार ने अलगाववादियों पर बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि यह फैसला दिल्ली में हुई हाईलेवल मीटिंग में लिया गया था।

pulwama attack: administration withdraws security of all 5 separatist leaders, including Mirwaiz Umar Farooq, Shabir Shah, Hashim Qureshi | पुलवाामा हमला: अलगाववादियों पर सरकार का बड़ा कदम, मीरवाइज उमर फारूख समेत 5 नेताओं की हटाई सुरक्षा

पुलवाामा हमला: अलगाववादियों पर सरकार का बड़ा कदम, मीरवाइज उमर फारूख समेत 5 नेताओं की हटाई सुरक्षा

कश्मीर में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल काफिले की बस पर हुए आत्मघाती हमले के बाद एक्शन में आई सरकार ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। सरकार से इस फैसले को सियासी गलियारों में बड़ा फैसला माना जा रहा है। यह फैसला दिल्ली में हुई हाईलेवल मीटिंग में लिया गया था।

इन पांच नेताओं की सुरक्षा ली गई 

एक अधिकारी ने बताया कि मीरवायज मौलवी उमर फारूक के अलावा अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शब्बीर शाह के सुरक्षा कवर वापस ले लिए गए हैं। हालांकि, इस आदेश में पाक समर्थक अलगाववादी सईद अली शाह गिलानी तथा जेकेएलएफ के यासीन मलिक का कोई जिक्र नहीं है। वैसे इस आदेश के बाद चर्चा यह भी गर्म है कि उन राजनीतिज्ञों की सुरक्षा की भी समीक्षा की जाएगी जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर अलगाववादी सुर अलापते रहते हैं।


आदेश के अनुसार, अलगाववादियों को प्रदान की गई सभी सुरक्षा और वाहन रविवार शाम तक वापस ले लिए जाएंगे। किसी भी बहाने, उन्हें या किसी अन्य अलगाववादियों के अधीन कोई सुरक्षा बल या कवर प्रदान नहीं किया जाएगा। यदि उनके पास सरकार द्वारा प्रदान की गई कोई अन्य सुविधा है, तो उन्हें तुरंत वापस ले लिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि अगर कोई अन्य अलगाववादी हैं जिनके पास सुरक्षा या सुविधाएं हैं, तो पुलिस उसकी भी समीक्षा करेगी।

तीन से पांच करोड़ होती है खर्च 

दरअसल इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया गया था कि कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को दिए जाने वाली सुरक्षा पर प्रतिवर्ष 3 से 5 करोड़ की राशि खर्च हो रही है। इसमें उन सुरक्षाकर्मियों के वेतन को शामिल नहीं किया गया है जो उनकी सुरक्षा में तैनात किए गए हैं।

चौंकाने वाला तथ्य यह है कि ऐसे 50 के करीब कश्मीरी अलगाववादी नेता हैं जिन्हें राज्य सरकार ने केंद्रीय सरकार के आदेशों पर सरकारी सुरक्षा मुहैया करवा रखी है। पाठकों की जानकारी के लिए सर्वदलीय हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवायज मौलवी उमर फारूक को तो बकायदा ‘जेड प्लस’ की श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

जेड प्लस और वाई श्रेणी की सुरक्षा से लैस हैं नेता 

अलगाववादी नेताओं को जेड प्लस, जेड तथा वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। 50 के करीब अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर, जिनमें मीरवायज मौलवी उमर फारूक, सईद अली शाह गिलानी, मौलवी अब्बास अंसारी, शब्बीर अहमद शाह, जावेद मीर, अब्दुल गनी बट, सज्जाद लोन, बिलाल लोन तथा यासीन मलिक जैसे नेता भी शामिल हैं, प्रति वर्ष 3 से 5 करोड़ रूपया खर्च हो रहा है पर गैर सरकारी अनुमान इससे दोगुना है।

शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए राजनाथ सिंह ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं का नाम लिए बगैर कहा था कि पाकिस्तान और आईएसआई से आर्थिक मदद लेने वालों की सरकारी सुरक्षा पर भी नए सिरे से विचार किया जाएगा।

गृहमंत्री ने कहा था कि कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं, जो सीमा पार से आतंकी संगठनों, आतंकी ताकतों और आईएसआई के साथ हाथ मिला रहे हैं। वे आतंकी साजिशों में शामिल भी हैं। वे जम्मू कश्मीर के लोगों और खासकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

 

English summary :
After the suicide attack (Pulwama Terror Attack) on CRPF convoy in Pulwama in Kashmir, government withdrew the security of separatist leaders in Jammu and Kashmir. This decision of the government is being considered as a major decision in the political corridors. This decision was taken after the High level meeting held in Delhi.


Web Title: pulwama attack: administration withdraws security of all 5 separatist leaders, including Mirwaiz Umar Farooq, Shabir Shah, Hashim Qureshi

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