पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू को विदेश जाने से रोका गया
By विनीत कुमार | Published: July 3, 2022 07:17 AM2022-07-03T07:17:14+5:302022-07-03T07:17:14+5:30
श्रीनगर की 28 साल की इरशाद मट्टू अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के लिए एक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में काम करती हैं। उन्हें 2022 के पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया है।

कश्मीरी फोटो पत्रकार को विदेश जाने से रोका गया (फोटो- इंस्टाग्राम)
नई दिल्ली: पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू को शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर आव्रजन अधिकारियों ने फ्रांस जाने से रोक दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार अधिकारियों ने इसके लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा पत्रकार पर लगाई गईं पाबंदियों का हवाला दिया।
सना इरशाद मट्टू एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने और फोटोग्राफी प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए पेरिस जा रही थीं, तभी दिल्ली हवाईअड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया।
मट्टू ने कहा, 'आज जो कुछ भी हुआ वह पूरी तरह से अप्रत्याशित था।' उन्होंने ट्वीट किया, 'सेरेन्डिपिटी आर्ल्स ग्रांट 2020 के 10 पुरस्कार विजेताओं में से एक के तौर पर मेरा एक पुस्तक विमोचन और फोटोग्राफी प्रदर्शनी के लिए आज दिल्ली से पेरिस जाने का कार्यक्रम था। फ्रांसीसी वीजा मिलने के बावजूद मुझे दिल्ली हवाईअड्डे पर आव्रजन डेस्क पर रोक दिया गया।'
मट्टू ने अपने कैंसल बोर्डिंग पास की तस्वीर को भी पोस्ट किया और लिखा, 'मुझे कोई कारण नहीं बताया गया। बस यह कहा गया कि आप विदेश नहीं जा सकतीं।'
I was scheduled to travel from Delhi to Paris today for a book launch and photography exhibition as one of 10 award winners of the Serendipity Arles grant 2020. Despite procuring a French visa, I was stopped at the immigration desk at Delhi airport. (1/2) pic.twitter.com/OoEdBBWNw6
— Sanna Irshad Mattoo (@mattoosanna) July 2, 2022
हालांकि, राज्य या केंद्र की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के अनुसार मट्टू घाटी के उन कुछ पत्रकारों की लिस्ट में शामिल हैं जिन्हें 'नो-फ्लाई लिस्ट' में रखा गया है।
इससे पहले सितंबर 2019 में कश्मीरी पत्रकार गौहर गिलानी को आव्रजन अधिकारियों ने जर्मनी जाते समय दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक दिया था। पिछले साल जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पत्रकार से शिक्षाविद बने जाहिद रफीक को अमेरिका जाने से रोक दिया था, जहां उन्हें एक विश्वविद्यालय में पढ़ाने जाना था।
श्रीनगर की रहने वाली 28 साल की मट्टू अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के लिए एक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में काम करती हैं। उन्हें भारत में कोविड की दूसरी लहर के कवरेज के लिए तीन अन्य रॉयटर्स फोटोग्राफरों के साथ फीचर फोटोग्राफी में 2022 के पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया था।