प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पूरी तरह कार्यपालिका से जुड़ा मामला: न्यायालय
By भाषा | Published: January 20, 2021 06:26 PM2021-01-20T18:26:39+5:302021-01-20T18:26:39+5:30
(नौंवे पैरा में पंक्ति में बदलाव के साथ रिपीट)
नयी दिल्ली, 20 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पूरी तरह ‘‘कार्यपालिका से जुड़ा मामला’’ है। इसके बाद केंद्र ने मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध करने वाली अपनी याचिका वापस ले ली।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा, ‘‘हम आपको कह चुके हैं कि हम कोई निर्देश नहीं देंगे। यह पुलिस का मामला है। हम आपको (याचिका वापस लेने) की अनुमति देंगे। आप प्राधिकार हैं और आपको इससे निपटना है। आपके पास आदेश जारी करने के अधिकार हैं, आप यह करिए। मामले में आदेश पारित करना अदालत का काम नहीं है।’’
शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस के माध्यम से दायर केंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
याचिका में अदालत से किसानों की 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली रैली या ऐसे किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया था जिससे गणतंत्र दिवस समारोह में जिससे किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न हो।
उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा कर रखी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ‘‘ये ऐसे मामले हैं जो पूरी तरह कार्यपालिका से जुड़े हैं।’’
शीर्ष अदालत की टिप्पणी के बाद केंद्र ने अपनी याचिका वापस ले ली।
कुछ किसान संगठनों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि किसानों का मानना है कि नए कृषि कानून उनके खिलाफ हैं।
पीठ ने इस पर कहा, ‘‘ मान लीजिए, हम कानून को बरकरार रखते हैं, तो आप विरोध करें । आप उन्हें (किसानों) उचित तरह से समझाएं। एकमात्र विषय यह सुनिश्चित करने का है कि दिल्ली के लोग चैन से रह सकें।’’
इसने कहा कि अधिकारी, भूषण के मुवक्किलों के बयान दर्ज कर सकते हैं कि वे भी शांति चाहते हैं और उन्हें मुद्दे पर बात करनी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए 18 जनवरी को केंद्र से कहा था कि किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली ‘‘कानून व्यवस्था’’ से जुड़ा मामला है और दिल्ली पुलिस के पास इससे निपटने के सभी अधिकार हैं।
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