भारतीय मूल की प्रख्यात दवा विज्ञानी गीता रामजी का कोरोना से निधन, एचआईवी निरोधक शोध में थी प्रमुख भूमिका
By भाषा | Published: April 1, 2020 11:29 AM2020-04-01T11:29:11+5:302020-04-01T11:29:11+5:30
गीता रामजी क्लीनिकल ट्रायल्स यूनिट की प्रधान शोधकर्ता और एचआईवी प्रिवेंशन रिसर्च यूनिट ऑफ साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च काउंसिल ऑफिसेज(एसएएमआरसी) की यूनिट डायरेक्टर थीं।
जोहानिसबर्ग: भारतीय मूल की प्रख्यात विषाणु विज्ञानी गीता रामजी की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई। रामजी मशहूर दवा विज्ञानी थीं और एचआईवी निरोधक शोध की प्रमुख थीं। वह एक सप्ताह पहले लंदन से लौटी थीं लेकिन उनमें कोविड-19के कथित तौर पर कोई लक्षण नहीं थे। उनकी उम्र 64 वर्ष थी।
गीता रामजी क्लीनिकल ट्रायल्स यूनिट की प्रधान शोधकर्ता और एचआईवी प्रिवेंशन रिसर्च यूनिट ऑफ साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च काउंसिल ऑफिसेज(एसएएमआरसी) की यूनिट डायरेक्टर थीं। एसएएमआरसी के अध्यक्ष और सीईओ ग्लेंडा ग्रे की ओर से जारी एक बयान में कहा गया,‘‘बेहद दुख के साथ आपको यह सूचित किया जाता है कि प्रोफेसर गीता रामजी का आज अस्पताल में निधन हो गया।’’
बयान में कहा गया,‘‘प्रोफेसर रामजी का कोविड-19से जुड़ी जटिलताओं के चलते निधन हो गया।’’ रामजी का विवाह फार्मासिस्ट प्रवीन रामजी से हुआ था। उनके अंतिम संस्कार की अभी घोषणा नहीं की गई है। दक्षिण अफ्रीका में अंतिम संस्कार में शामिल होने की संख्या को सीमित रखा गया है क्योंकि देश में 21 दिन का बंद है। राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने पिछले सप्ताह बंद की घोषणा की थी।