इंदौर में शमसुल इस्लाम, दिग्विजय सिंह और अशोक पांडे के कार्यक्रम को नहीं मिली 'सरकारी अनुमति', आयोजकों ने रद्द किया कार्यक्रम
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 26, 2022 03:24 PM2022-03-26T15:24:59+5:302022-03-26T15:35:08+5:30
भोपाल में टेक्सटाइल डेवलपमेंट ट्रस्ट ने कार्यक्रम से एक दिन पहले आयोजकों को एक पत्र भेजा, जिसमें 'सरकारी आदेश' का हवाला देते हुए कार्यक्रम को रद्द करने की बात कही गई है। वहीं कार्यक्रम के आयोजकों ने इस कार्यक्रम के लिए शुक्रवार को फिर से अनुमति मांगी, जिसके बाद सभागार के मालिक ने जवाब दिया कि वह "अपरिहार्य कारणों" के कारण आयोजन की अनुमति नहीं दे सकते हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर में जानेमाने विचारक और दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर शमसुल इस्लाम को टेक्सटाइल डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेना था लेकिन आयोजन से ठीक एक दिन पहले कार्यक्रम को सरकारी आदेश का हवाला देते हुए रद्द कर दिया है।
भोपाल में टेक्सटाइल डेवलपमेंट ट्रस्ट ने कार्यक्रम से एक दिन पहले आयोजकों को एक पत्र भेजा, जिसमें 'सरकारी आदेश' का हवाला देते हुए कार्यक्रम को रद्द करने की बात कही गई है। वहीं कार्यक्रम के आयोजकों ने इस कार्यक्रम के लिए शुक्रवार को फिर से अनुमति मांगी, जिसके बाद सभागार के मालिक ने जवाब दिया कि वह "अपरिहार्य कारणों" के कारण आयोजन की अनुमति नहीं दे सकते हैं।
इस कार्यक्रम में प्रोफेसर शमसुल इस्लाम के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और लेखक अशोक पांडेय भी शामिल होने वाले थे। समाचार चैनल एनडीटीवी से कार्यक्रम के रद्द होने के बारे में बात करते हुए टेक्सटाइल डेवलपमेंट ट्रस्ट के सचिव एमसी रावत ने कहा, "हमें प्रशासन से जानकारी मिली है कि कार्यक्रम यहां नहीं हो सकता है।"
अनुमति से इनकार करने के पीछे के कारण पूछे जाने पर एमसी रावत ने स्पष्ट कहा कहा, "सरकार ने हमें इसकी अनुमति नहीं देने के लिए मना कर दिया। कल अगर सरकार कहती है कि इसे करना चाहिए तो मैं इसके लिए व्यवस्था करूंगा।"
इस मामले में शमसुल इस्लाम ने कहा कि वह इस समय धार्मिक सद्भाव को बढ़ाने के लिए देशभर की यात्रा कर रहे हैं। इस्लाम ने कहा, "कुछ लोग हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं भगवान कृष्ण के बारे में मौलाना हसरत मोहानी का गीत पढ़ना चाहता हूं। मैंने इसे भोपाल में 20 जगहों पर पढ़ा है और कोई समस्या नहीं है। लेकिन वे चाहते हैं कि मैं रुक जाऊं।"
शमसुल इस्लाम दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसल रहे हैं। इस्लाम की वेबसाइट के मुताबिक वह धार्मिक कट्टरता, अधिनायकवाद और महिलाओं के उत्पीड़न सहित अन्य मुद्दों के खिलाफ लिख रहे हैं। उनका कहना है कि वो इस समय भारत और दुनिया भर में राष्ट्रवाद के उदय और इसके विकास पर मौलिक शोध कार्य किया है।