इंदिरा गांधी के पदचिन्हों पर चल रहीं है प्रियंका गांधी, कांग्रेस करेगी देशव्यापी आंदोलन
By शीलेष शर्मा | Published: July 19, 2019 06:45 PM2019-07-19T18:45:22+5:302019-07-19T18:45:22+5:30
दस अदिवासियों की हत्या को लेकर सोनभद्र में मृतकों के परिवारों से मिलने जा रही प्रियंका को मुख्यमंत्री योगी सरकार के इशारे पर जब प्रशासन ने नारायणपुर पुलिस स्टेशन में रोका तो वे वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गईं जहां से उनको बाद में चुनार गेस्ट हाउस ले जाकर नजरबंद कर दिया.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पदचिन्हों पर चलकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव परिणामों से हताश कांग्रेस को नारायणपुर में धरने पर बैठकर संजीवनी थमा दी. दस अदिवासियों की हत्या को लेकर सोनभद्र में मृतकों के परिवारों से मिलने जा रही प्रियंका को मुख्यमंत्री योगी सरकार के इशारे पर जब प्रशासन ने नारायणपुर पुलिस स्टेशन में रोका तो वे वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गईं जहां से उनको बाद में चुनार गेस्ट हाउस ले जाकर नजरबंद कर दिया और सोनभद्र जाने की अनुमति नहीं दी.
इस घटना के तुरंत बाद समूची कांग्रेस सक्रिय हो गयी. पार्टी के महासचिव के.सी.वेणुगोपाल ने देशभर की पार्टी इकाईयों को निर्देश दिया कि वे इस घटना के विरोध में देशव्यापी धरना प्रदर्शन करें.
इस पूरे घटनाक्रम के परिदृश्य में इतिहास की वह झलक नजर आई जब इंदिरा गांधी ने बेलची कांड के दौरान प्रशासन के लाख इंकार करने के बावजूद विषम परिस्थितियों में जाने का फैसला किया. इंदिरा गांधी की यह महज़ एक घटना नहीं थी, शाह कमीशन के बाद जब इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया गया उस समय भी वे सड़क पर ही बैठ गई थीं.
प्रियंका ने भी आज उसी शैली को दोहराया, पहले प्रशासन से रोके जाने का कारण पूछा और फिर सड़क पर ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर जा बैठीं.
जैसे ही यह खबर दिल्ली आई राहुल गांधी ने ट्वीट किया और कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मनमानी कर रही है सोनभद्र हत्याकांड में प्रियंका गांधी को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है. यह साबित करता है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के शासन में कितना असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है.
राहुल के ट्वीट के तुरंत बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वििट किया उत्तर प्रदेश सरकार का गलत रवैया है, प्रियंका को रोका जाना गलत है, यह कदम अन्यायपूर्ण और अलोकतांत्रिक है. उनका मानना था कि विपक्ष के नेताओं को त्रासदी से पीढ़ित परिवारों से मिलने और उनके साथ खड़े होने का पूरा अधिकार है.
पार्टी के सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि उत्तर प्रदेश अपराधियों का अड्डा बन गया है.
पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रियंका को रोके जाने का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि वे अपना मौन तोड़े, उन्हें याद दिलाया कि वे बनारस से सांसद है और सोनभद्र बनारस से सटा है. राज्य में भाजपा की सरकार है जहां अपराधों का बोल-बाला है.
उनका यह भी आरोप था कि मुख्यमंत्री के संरक्षण में संगठित अपराध राज्य में फल-फूल रहा है. महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के लोकसभा में दिए एक उत्तर का भी उन्होंने उल्लेख किया जिसमें बताया गया है कि कुल 10531 बलात्कार की घटनाओं में 6987 बलात्कार की घटनाएं अकेले उत्तर प्रदेश में हुर्इं है.
कांग्रेस की मांग थी कि अगर योगी आदित्यनाथ अपराधों पर अंकुश नहीं लगा सकते तो वे तत्काल अपनी कुर्सी छोड़े. प्रियंका ने सोनभद्र जाने का फैसला अचानक लिया जिसकी खबर दूसरे नेताओं को नहीं थी, ऐसे समय जब कांग्रेस नये अध्यक्ष को लेकर पशोपेश में है प्रियंका गांधी ने चुनाव परिणामों के बाद पूर्वाचल का पहला दौरा किया और इसी दौरे में उन्होंने अपनी दादी के पदचिन्हों पर चल कर कमोवेश मृत पड़ी कांग्रेस को संजीवनी देने का काम किया.