मेडिकल कॉलेज में पढ़ाएंगे निजी क्षेत्र, प्रवासी भारतीय डॉक्टर, एम्स, पीजीआई चंडीगढ़ और जेआईपीएमईआर में नहीं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 30, 2019 07:53 PM2019-12-30T19:53:52+5:302019-12-30T19:53:52+5:30

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए नियम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स), पीजीआई चंडीगढ़ और पुडुचेरी स्थित जेआईपीएमईआर पर लागू नहीं होंगे, जिनकी स्थापना संसद से पारित कानूनों के तहत की गई है।

Private sector, Overseas Indian doctors will not teach in medical college, not in AIIMS, PGI Chandigarh and JIPMER | मेडिकल कॉलेज में पढ़ाएंगे निजी क्षेत्र, प्रवासी भारतीय डॉक्टर, एम्स, पीजीआई चंडीगढ़ और जेआईपीएमईआर में नहीं

चिकित्सा संस्थान (संशोधन) नियम 2019 में शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता से संबंधित नियमों के अनुसार अंशकालिक आधार पर नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों को ‘‘विजिटिंग फैकल्टी’’ कहा जाएगा।

Highlightsपुराना नियम निजी डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने की अनुमति नहीं देता था।बीओजी ने अब चिकित्सा संस्थानों में शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता पर मौजूदा नियमों में संशोधन कर एक नया खंड शामिल किया है।

एमबीबीएस और स्नातकोत्तर के छात्रों को पढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेज अब अंशकालिक आधार पर प्रवासी भारतीयों सहित निजी क्षेत्र के डॉक्टरों की नियुक्ति भी कर सकेंगे। यह बात एक सरकारी अधिसूचना में कही गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए नियम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स), पीजीआई चंडीगढ़ और पुडुचेरी स्थित जेआईपीएमईआर पर लागू नहीं होंगे, जिनकी स्थापना संसद से पारित कानूनों के तहत की गई है।

चिकित्सा शिक्षा नियामक भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की शक्तियां प्राप्त संचालन मंडल (बीओजी) का निर्णय निजी और सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करने पर केंद्रित है। पुराना नियम निजी डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने की अनुमति नहीं देता था।

बीओजी ने अब चिकित्सा संस्थानों में शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता पर मौजूदा नियमों में संशोधन कर एक नया खंड शामिल किया है। चिकित्सा संस्थान (संशोधन) नियम 2019 में शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता से संबंधित नियमों के अनुसार अंशकालिक आधार पर नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों को ‘‘विजिटिंग फैकल्टी’’ कहा जाएगा।

अधिसूचना में कहा गया है कि चिकित्सा संस्थानों में भारतीय समुदाय के समावेश को प्रोत्साहित करने के लिए ‘विजिटिंग फैकल्टी’ के रूप में प्रवासी भारतीयों की नियुक्ति भी की जा सकती है। ‘विजिटिंग फैकल्टी’ के रूप में नियुक्त किए जाने वाले व्यक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 साल रखी गई है। 

Web Title: Private sector, Overseas Indian doctors will not teach in medical college, not in AIIMS, PGI Chandigarh and JIPMER

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे