निजता एक ऐसा अधिकार है जिसका सम्मान करना होगा : यूएनजीए निर्वाचित अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद
By भाषा | Published: July 22, 2021 08:50 PM2021-07-22T20:50:07+5:302021-07-22T20:50:07+5:30
(मानस प्रतीम भुइयां)
नयी दिल्ली, 22 जुलाई संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76 वें सत्र के लिए अध्यक्ष निर्वाचित हुए अब्दुल्ला शाहिद ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘निजता’’ एक ऐसा अधिकार है जिसका सभी सभ्य देशों के संविधान द्वारा संरक्षण किया गया है और इसका सम्मान करना होगा।
उन्होंने पेगासस जासूसी विवाद से उपजी चिंताओं का जिक्र करते हुए यह कहा।
शाहिद, मालदीव के विदेश मंत्री हैं। वह यूएनजीए के 76 वें सत्र के अध्यक्ष के तौर पर भारत के तीन दिनों के दौरे पर हैं।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि डिजिटल संचार को शासित करने वाला डिजिटल नियम-कायदा एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘निजता एक ऐसा अधिकार है जिसका सभी सभ्य देशों के संविधान द्वारा संरक्षण किया गया है और इसका सम्मान करना होगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या निजता से जुड़े मुद्दों का हल करने के लिए मौजूदा ढांचे में सुधार करने की जरूरत है, उन्होंने इसका हॉं में जवाब दिया।
भारत सहित कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, नेताओं और अन्य की जासूसी के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के कथित इस्तेमाल से निजता से जुड़े मुद्दों को लेकर चिंता पैदा हुई है।
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन के मुताबिक फोन स्पाइवेयर से पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य को निशाना बनाया गया तथा उनसे जुड़ी जानकारी एक इजराइली कंपनी द्वारा विभिन्न सरकारों को बेची गई।
विश्व के विभिन्न देशों में मानवाधिकारों के हनन को लेकर चिंता से जुड़े एक सवाल के जवाब में शाहिद ने कहा, ‘‘सभी के अधिकारों का सम्मान करना, उम्मीद की उन पांच किरणों में एक है जिन्हें मैं ला रहा हूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल, मेरा मानना है कि मानवाधिकार देशों का और बहुपक्षवाद में लोगों का विश्वास जीतने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और न्यूयार्क स्थित जिनेवा सभा की एक सराहनीय भूमिका रही है। ’’
शाहिद, सात जून को यूएनजीए अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे और इस हैसियत के साथ वह प्रथम देश के तौर पर भारत के दौरे पर हैं।
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