पीएम मोदी की मंत्रियों को हिदायत- सुबह 9.30 बजे पहुंचे ऑफिस, वर्क फ्रॉम होम करने से बचें
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 13, 2019 05:26 AM2019-06-13T05:26:32+5:302019-06-13T09:08:32+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी से कहा कि वे समय पर दफ्तर पहुंचे, घर से काम करने से बचें और लोगों के लिए उदाहरण पेश करें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी से कहा कि वे समय पर दफ्तर पहुंचे, घर से काम करने से बचें और लोगों के लिए उदाहरण पेश करें। बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि नयी सरकार के मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ मंत्रियों से कहा कि वे नए मंत्रियों को साथ लेकर चलें। राज्य मंत्रियों को बड़ी भूमिका देने की बात करते हुए मोदी ने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों को उनके साथ महत्वपूर्ण फाइलें साझा करनी चाहिए। इससे उत्पादकता बढ़ेगी।
सूत्रों के अनुसार मोदी ने कहा कि फाइलों को तेजी से निपटाने के लिए कैबिनेट मंत्री और उनके सहायक मंत्री साथ बैठकर प्रस्तावों को मंजूरी दे सकते हैं। समय पर दफ्तर पहुंचने पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सभी मंत्री वक्त पर दफ्तर पहुंचें और कुछ मिनट का वक्त निकालकर अधिकारियों के साथ मंत्रालय के कामकाज की जानकारी लें। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को दफ्तर आना चाहिए और घर से काम करने से बचना चाहिए। साथ ही उन्हें पार्टी सांसदों और जनता से भी मिलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे लोग अपने-अपने राज्य के सांसदों के साथ मुलाकात के जरिए यह सिलसिला शुरू कर सकते हैं।
उन्होंने इसपर भी जोर दिया कि एक मंत्री और सांसद में बहुत फर्क नहीं है। मोदी ने प्रत्येक मंत्रालय की पंचवर्षीय योजना पर भी बात की। बैठक के दौरान कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के अधिकतम उपयोग पर प्रस्तुतिकरण दिया। तोमर पिछली सरकार में संसदीय कार्य मंत्री थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट पर सलाह के लिए प्रजेंटेशन दिया।
बजट पांच जुलाई को पेश होना है। सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने केन्द्र सरकार के प्रत्येक मंत्रालय के लिए पंचवर्षीय दृष्टिपत्र पर प्रजेंटेशन दिया। मोदी की पिछली सरकार में भी मंत्रिपरिषद की बैठकें लगातार होती रहती थीं। वह सभी मंत्रियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और उनके बारे में जनता को जागरूक करने के तरीके समझाते थे। भाषा अर्पणा वैभव वैभव