प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आएंगी आंग सान सू
By संतोष ठाकुर | Published: May 29, 2019 08:03 AM2019-05-29T08:03:07+5:302019-05-29T08:03:07+5:30
कभी दुनिया की आंखों का तारा बनी और उसके बाद उसी प्रतिष्ठा को अपने सामने ही जमीन में धूल—धूसरित होते हुए देखने वाली म्यांमार की स्टेट काउंसलर( प्रधानमंत्री पद के समकक्ष) आंग सान सू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी. उनके देश का प्रतिनिधित्व वहां के राष्ट्रपति कर सकते हैं.
शपथ ग्रहण समारोह में नेपाल और भूटान ने अपने प्रधानमंत्री के शिरकत की जानकारी सरकार को दी है तो वहीं श्रीलंका के राष्ट्रपति अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. जबकि थाइलैंड ने अपने यहां से किसी विशेष दूत को भेजने का संदेश दिया है. समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी भाग लेंगी.
दुनिया भर की निगाहें भारत में होने वाले मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह है क्योंकि भारत ने बिमसटेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों को इसमें शामिल होने का न्यौता दिया है और दुनिया के ये सभी देश ये देखना चाहते थे कि क्या इसमें आंग सान सू शामिल होती हैं. इसकी वजह यह है कि वह एक समय दुनिया भर में मानवाधिकार और शांति के लिए लड़ाई करने वाली योद्धा के रूप में स्थापित हुई थीं. इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार तक मिला. लेकिन जब वह सत्ता में आईं तो दुनिया की आंखों का तारा बनने वाली इसी आंग सान सू पर कई आरोप लगे कई देशों ने उन्हें दिया गया अपना पुरस्कार वापस ले लिया.
उन पर आरोप लगा कि उनके शासनकाल में बड़े स्तर पर कत्लेआम हुआ. रोहिंग्या बड़े स्तर पर देश से विस्थापित हुए. इसके अलावा प्रेस की आजादी की बात करने वाली आंग सान सू की पर आरोप लगे कि उन्होंने इसकी आवाज दबाने के साथ ही पत्रकारों को जेल में भी डाला. खासकर पश्चिमी देशों ने उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें मानवाधिकार विरोधी करार दिया.