गरीब कल्याण रोजगार अभियानः बिहार, यूपी, एमपी, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा को फायदा, 50,000 करोड़ की लागत, जानिए बड़ी बातें
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 20, 2020 07:14 PM2020-06-20T19:14:38+5:302020-06-20T19:14:38+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 6 लाख से ज्यादा गांवों वाला देश भारत जहां की दो तिहाई से ज्यादा आबादी लगभग 80-85 करोड़ लोग गांवों में रहते हैं। उस ग्रामीण भारत ने कोरोना संक्रमण को बड़े प्रभावी तरीके से रोका है। ये जनसंख्या यूरोप के सारे देशों को मिला दें तो भी उससे ज्यादा है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए आपको रोजगार देने के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है।
गरीब कल्याण रोज़गार अभियान से आपके इस आत्मसम्मान की सुरक्षा भी होगी और आपके श्रम से आपके गाँव का विकास भी होगा। आज आपका ये सेवक और पूरा देश, इसी सोच के साथ, इसी संकल्प के साथ आपके मान और सम्मान के लिए काम कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज में किसानों की फसल रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनें, किसानों को सीधे बाज़ार से जोड़ा जाए, इसके लिए भी 1 लाख करोड़ के निवेश की घोषणा की गई है। जब किसान बाज़ार से जुड़ेगा, तो अपनी फसल को ज्यादा दामों पर बेचने के रास्ते भी खुलेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने मीडिया में उन्नाव जिले की एक खबर देखी थी जिसमें एक क्वारंटाइन सेंटर में क्वारंटाइन हुए मेरे श्रमिक भाइयों ने अपने कौशल का इस्तेमाल करते हुए रंगाई-पुताई कर उस स्कूल का हुलिया बदल दिया।उससे मुझे आइडिया मिला,वहीं से इस योजना (गरीब कल्याण रोजगार अभियान) का जन्म हुआ। ग्राउंड पर काम करने वाले हमारे साथी, ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्क इन सभी ने बहुत बेहतरीन काम किया है और ये सभी वाहवाही के पात्र हैं। कोई आपकी पीठ थपथपाए या न थपथपाए पर मैं आपका जय जयकार करता रहूंगा। मैं ऐसे ग्राम सेवकों को आदरपूर्वक नमन करता हूं।
'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' लॉन्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दूसरे राज्यों से लौट कर आए प्रवासी मजदूरों को उनके घर के आसपास ही रोजगार देने के लिये 50,000 करोड़ रुपये की लागत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की।
बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव से शुरू की गयी इस योजना का मकसद वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के लोगों को सशक्त बनाना, स्थानीय स्तर पर विकास को गति देना और आजीविका के अवसर प्रदान करना है। मोदी ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि यह छह राज्यों...बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओड़िशा ... के 116 जिलों में लागू होगी और इससे प्रवासी मजदूरों को उनके घर के आसपास ही रोजगार मिलेगा।
यह योजना ऐसे समय शुरू की गयी है जब कोरोना वायरस महामारी और ‘लॉकडाउन’ के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को कामकाज से हाथा धोना पड़ा और वे अपने गांवों को लौटने को मजबूर हुए हैं। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, ‘‘इस योजना पर कुल 50,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना के जरिये ग्राम पंचायत भवन और आंगनवाड़ी केंद्र, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और जल संरक्षण जैसे विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का क्रियान्वयन होगा, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।’’
इस योजना की प्रेरणा उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की एक घटना से मिली
मोदी ने कहा कि उन्हें इस योजना की प्रेरणा उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की एक घटना से मिली। उन्होंने कहा, ‘‘वहां एक सरकारी स्कूल को क्वारन्टाइन सेंटर बनाया गया था। शहर से वापस आये श्रमिकों को वहां रखा था। इस सेंटर में हैदराबाद से आए कई श्रमिकों को रखा गया था। ये श्रमिक रंगाई-पुताई और पीओपी के काम में एक्सपर्ट थे। ये अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते थे।’’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने अपने हुनर की पेशकश की और सरकारी स्कूल में रहते हुए, इन श्रमिकों ने अपने हुनर से स्कूल का ही कायाकल्प कर दिया। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार योजना उन लोगों के लिए है, जो अपनी मेहनत और हुनर से अपने गांव के विकास के लिए कुछ करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा प्रयास है कि श्रमिकों को उनके घर के पास ही काम मिले, अबतक आप शहरों का विकास कर रहे थे, अब आप अपने गांवों की मदद करेंगे।’’
मोदी ने कहा कि इस योजना से श्रमिकों के सम्मान की रक्षा होगी और गांवों के विकास को गति मिलेगी। यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा। इस योजना के तहत गांवों में रोजगार के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है। ये कार्यक्षेत्र गांव की मूलभूत सुविधाओं से जुड़े हैं।
इसके तहत आंगनबाड़ी भवन, सामुदायिक शौचालय, ग्रामीण मंडी, कुओं और गरीबों के लिए पक्के घरों का निर्माण, वृक्षारोपण, पेज जल की सुविधा जैसे कार्य किए जाएंगे। मोदी ने कहा, ‘‘’’ सभी श्रमिकों के हुनर की मैपिंग की भी शुरू की गई है। यानि गांव में ही आपके हुनर की पहचान की जाएगी, ताकि आपके कौशल के मुताबिक आपको काम मिल सके। आप जो काम करना जानते हैं, उस काम के लिए जरूरतमंद खुद आपके पास पहुंच सकेगा।’ इससे पहले, उन्होंने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
लद्दाख गतिरोध पर कहा कि हर किसी को बिहार रेजीमेंट की वीरता पर गर्व है
उन्होंने लद्दाख गतिरोध पर कहा कि हर किसी को बिहार रेजीमेंट की वीरता पर गर्व है। कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत, मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ओडिशा सरकार के एक मंत्री जुड़े थे।
अधिकारियों ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार योजना मनरेगा से अलग है। मनरेगा पूरे देश में लागू है और इसका दायरा काफी बड़ा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) प्रति परिवार एक साल में 100 दिन का काम सुनिश्चित करती है। दूसरी ओर गरीब कल्याण रोजगार योजना प्रवासी मजदूरों को एक बार रोजगार देने के लिए शुरू की गई है। ये योजना सिर्फ 116 जिलों में लागू है और इसके तहत शुरुआत में 125 दिन का काम दिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि बाद में इस योजना का विस्तार किया जा सकता है।
My labourer friends, the country understands your emotions & your needs. 'Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan' starting from Khagaria, Bihar is a major tool to fulfil this need & emotion: Prime Minister Narendra Modi https://t.co/qELIumnSg3pic.twitter.com/mBDyy2Gdu0
— ANI (@ANI) June 20, 2020
मोदी ने की कोरोना वायरस से लड़ने में ग्रामीण भारत की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोना वायरस से लड़ने में ग्रामीण भारत द्वारा दिखाए गए हौसले की तारीफ की और कहा कि वह भारत के गावों में लोगों ने जिस तरह कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला किया, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत के करीब 80-85 करोड़ लोग गांवों में रहते हैं, उस ग्रामीण भारत ने कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है। मोदी ने कहा, ‘‘हमारे गावों की जनसंख्या यूरोप के सारे देशों को मिला दें, तो उससे कहीं ज्यादा है... इतनी बड़ी जनसंख्या का कोरोना का इतने साहस से मुकाबला करना बहुत बड़ी बात है। हर हिंदुस्तानी इस बात के लिए गर्व कर सकता है।’’
Delhi: Prime Minister Narendra Modi launches 'Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan' through video conferencing. pic.twitter.com/VOjLXkjZjE
— ANI (@ANI) June 20, 2020
उन्होंने कहा कि इस सफलता के पीछे ग्रामीण भारत की जागरूकता ने काम किया है। मोदी ने दूसरे राज्यों से लौटकर आए प्रवासी मजदूरों को उनके घर के आसपास ही रोजगार देने के लिये 50,000 करोड़ रुपये की लागत वाले गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरूआत के मौके पर यह बात कही।
बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव से शुरू की गयी इस योजना का मकसद वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के लोगों को सशक्त बनाना, स्थानीय स्तर पर विकास को गति देना और आजीविका के अवसर प्रदान करना है। प्रधानमंत्री ने प्रवासी मजदूरों से कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के आगे पूरी दुनिया हिल गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे। भारत के गावों ने कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है।’’
उन्होंने कहा कि वह ग्रामीण भारत की इस उपलब्धि का प्रचार पूरी दूनिया में करेंगे। उन्होंने जमीन पर काम करने वाले ग्राम प्रधानों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और ‘जीविका दीदी’ के काम की तारीफ भी की।
#WATCH - Country is proud of the sacrifice made by our braves in Ladakh. Today when I am speaking to people of Bihar, I will say the valour was of Bihar Regiment, every Bihari is proud of it. I pay tributes to the braves who laid down their lives for the nation: PM Narendra Modi pic.twitter.com/l7ou255zUI
— ANI (@ANI) June 20, 2020
इनपुट एजेंसी से