प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर में स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के विजेता शहरों को किया सम्मानित
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 23, 2018 07:10 PM2018-06-23T19:10:01+5:302018-06-23T19:10:01+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में अलग-अलग श्रेणियों के विजेता शहरों को आज यहां पुरस्कृत किया। इंदौर को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में दूसरे और तीसरे स्थान के लिए क्रमश: भोपाल और चंडीगढ़ ने पुरस्कार जीता।
इंदौर, 23 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में अलग-अलग श्रेणियों के विजेता शहरों को आज यहां पुरस्कृत किया। इंदौर को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में दूसरे और तीसरे स्थान के लिए क्रमश: भोपाल और चंडीगढ़ ने पुरस्कार जीता।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में झारखंड सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में अव्वल रहा। इस श्रेणी में महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ क्रमश: दूसरे और तीसरे पायदान पर रहे। प्रधानमंत्री ने इंदौरवासियों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘स्वच्छता एक दिन में नहीं आती। नागरिक 24 घंटे जागरूक रहते हैं, तब जाकर स्वच्छता की सिद्धी प्राप्त होती है।’’
Prime Minister Narendra Modi inaugurates various urban development projects at the #MadhyaPradesh Shehari Vikas Mahotsav in #Indore. MP CM Shivraj Singh Chouhan, MP Governor Anandiben Patel & Lok Sabha speaker Sumitra Mahajan also present pic.twitter.com/HVjtquXCJi
— ANI (@ANI) June 23, 2018
उन्होंने कहा कि इंदौर के लोगों ने स्वच्छता के मामले में जन भागीदारी का अभूतपूर्व उदाहरण पेश किया है। मोदी ने कहा, ‘‘देश और समाज को बदलने के लिए आम लोगों की सोच बदलनी जरूरी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश को खुले में शौच से मुक्त कराने का सपना सच के करीब है।’’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश के लोग अपने बड़े-बुजुर्गों से पूछें कि कांग्रेस के राज में सूबे की हालत कैसी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की आवास योजनाएं विवादों से घिरी रहती थीं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आने वाले तीन-चार सालों में दो करोड़ से ज्यादा मकानों का निर्माण होगा।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘वोट बैंक की राजनीति की कांग्रेस की परंपरा खत्म हो रही है। हमने अपनी योजनाओं को गरीबों और मध्यम वर्ग की आशाओं के साथ जोड़ा है।’’