चार माह से किसानों का पंजीयन ही नहीं, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का कैसे मिलेगा लाभ?
By सैयद मोबीन | Published: June 30, 2021 07:45 PM2021-06-30T19:45:56+5:302021-07-07T10:03:26+5:30
योजना के पोर्टल और मोबाइल एप्प दोनों पर ही किसानों का पंजीयन बंद होने से पात्र होने के बावजूद अनेक किसान इसका लाभ लेने से वंचित हैं.
नागपुरः केंद्र सरकार ने छोटे किसानों (2 हेक्टेयर तक खेती वाले) को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की है.
लेकिन प्रत्यक्ष रूप से सभी पात्र किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. हालत तो यह है कि चार माह से अधिक समय से किसानों का पंजीयन ही नहीं हो पा रहा है. योजना के पोर्टल और मोबाइल एप्प दोनों पर ही किसानों का पंजीयन बंद होने से पात्र होने के बावजूद अनेक किसान इसका लाभ लेने से वंचित हैं.
फिलहाल खरीफ की फसल के लिए बुआई का दौर चल रहा है. ऐसे में किसानों को बीज, खाद सहित कृषि संबंधी अन्य खर्च के लिए पैसों की जरूरत है. लेकिन ऐसे सही समय पर ही उन्हें आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है. जानकारी के मुताबिक ऐसे अनेक किसान हैं जो आयकर की सीमा में आते हैं या नियमानुसार योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं है.
उन्होंने भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रखा है. ऐसे अवैध लाभार्थियों से संबंधित रकम वसूलने की तैयारी की जा रही है. लेकिन जो वाकई हकदार किसान हैं, उन्हें उनका हक पहुंचाने में भी सरकार व प्रशासन को उतनी ही तत्परता दिखानी चाहिए. योजना के पोर्टल और एप्प पर यथाशीघ्र किसानों का पंजीयन आरंभ करने की मांग किसान और किसान संगठन कर रहे हैं.
अधिकारी भी अनभिज्ञ
इस संदर्भ में लोकमत समाचार के प्रतिनिधि ने नागपुर के निवासी उपजिलाधिकारी अविनाश कातड़े से बात की तो उन्होंने यह कहकर कुछ बताने में असमर्थता जताई कि वे अवकाश पर हैं. वहीं, प्रभारी निवासी उपजिलाधिकारी जगदीश कातकर ने बताया कि उन्हें प्रभार लिए दो दिन ही हुए हैं और उन्हें भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. जानकारी लेकर बताता हूं. लेकिन बाद में उन्होंने फोन रीसिव नहीं किया.
यह है योजना
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के करोड़ों छोटे किसानों, जिनके पास अधिकतम 2 हेक्टेयर खेती है, को वार्षिक 6 हजार रुपए मिलते हैं. सरकार ये रकम सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर करती है. 6 हजार रुपए 3 किस्तों में दिए जाते हैं.
पहली किस्त 1 दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है. दूसरी किस्त 1 अप्रैल से 31 जुलाई और तीसरी किस्त 1 अगस्त से 30 नवंबर तक किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाती है. योजना के लिए किसानों को पीएम किसान मोबाइल एप्प या वेब पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य है.
ये किसान नहीं आते हैं योजना के दायरे में
संस्थागत भूमि धारक, जिन किसान परिवाराें में संवैधानिक पदों के पूर्व और वर्तमान धारक, पूर्व और वर्तमान मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद, विधायक, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर, जिला परिषद के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष, केंद्रीय, राज्य सरकार के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी, केंद्रीय या राज्य सार्वजनिक उपक्रम और संलग्न कार्यालय, स्वायत्त संस्थान और सरकार के अधीन स्थानीय निकाय के नियमित कर्मचारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी, समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर), सभी सुपरनेचुरल, रिटायर्ड पेंशनर्स जिनकी मासिक पेंशन 10 हजार रुपए से अधिक है, अंतिम मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं.
किसानों को भीख नहीं सम्मान चाहिए
पिछले दो वर्षों में आधारभूत कीमतें केवल 3 से 5 प्रतिशत बढ़ी हैं जबकि उत्पादन खर्च 30 से 40 प्रतिशत बढ़ा है. एक तरफ उत्पादन खर्च बढ़ने के बावजूद आधारभूत कीमतें नहीं बढ़ाना और दूसरी तरफ दो-दो हजार रुपए की भीख देने की नौटंकी करना ठीक नहीं है. वह भी जब मन चाहे तब यह रकम दी जा रही है और अब ताे चार माह से किसानों का पंजीयन हीं नहीं हो रहा है, जिसका हम सख्त निषेध करते हैं. इस भीख के बजाय तो आधारभूत कीमतें बढ़ाकर किसानों को सम्मान देना चाहिए. - राम नेवले, पूर्व अध्यक्ष, शेतकरी संगठन, महाराष्ट्र