'प्रधानमंत्री, मैं भावुक हूं क्योंकि एक मस्जिद 450 वर्षों से वहां खड़ी थी', असदुद्दीन ओवैसी ने PM मोदी पर उठाए सवाल
By स्वाति सिंह | Published: August 5, 2020 04:08 PM2020-08-05T16:08:57+5:302020-08-05T16:08:57+5:30
भूमि पूजन से पहले ओवैसी ने बुधवार की सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, 'बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाल्लाह।' साथ ही साथ 'उन्होंने बाबरी जिन्दा है' (#BabriZindaHai) का हैशटैग ट्वीट किया है।
अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां भूमि पूजन कर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास किया। वहीं, भूमि पूजन के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी की बयान सामने आया है।
उन्होंने कहा, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। प्रधानमंत्री ने राममंदिर की आधारशिला रखकर कार्यालय की शपथ का उल्लंघन किया है। यह लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की हार और हिंदुत्व की सफलता का दिन है।'
ओवैसी ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री ने आज कहा कि वह भावुक थे। मैं कहना चाहता हूं कि मैं भी उतना ही भावुक हूं क्योंकि मैं सह-अस्तित्व और नागरिकता की समानता में विश्वास करता हूं। प्रधानमंत्री, मैं भावुक हूं क्योंकि एक मस्जिद 450 वर्षों से वहां खड़ी थी।'
The Prime Minister today said he was emotional. I want to say that I am also equally emotional because I believe in coexistence and equality of citizenship. Mr Prime Minister, I am emotional because a mosque stood there for 450 years: AIMIM chief Asaduddin Owaisi https://t.co/2nUjt9IKCk
— ANI (@ANI) August 5, 2020
वहीं, भूमि पूजन से पहले ओवैसी ने बुधवार की सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, 'बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाल्लाह।' साथ ही साथ 'उन्होंने बाबरी जिन्दा है' (#BabriZindaHai) का हैशटैग ट्वीट किया है।
इधर, अयोध्या नगरी में पुलिस के बैरियर, पीले बैनर, दीवारों पर नए पेंट का नजारा दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा तमाम बड़े राजनेता और साधु संतों सहित 175 आमंत्रित लोग इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चिन्तित प्रशासन लोगों को अयोध्या आने से बचने को कह रहा है।
राम मंदिर राष्ट्रीय एकता और भावना का प्रतीक, अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां भूमि पूजन कर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास किया और कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय एकता व भावना का प्रतीक है तथा इससे समूचे अयोध्या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। राम मंदिर को भारतीय संस्कृति की ‘‘समृद्ध विरासत’’ का द्योतक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों का इंतजार आज खत्म हो रहा है। यह न सिर्फ आने वाली पीढ़ियों को आस्था और संकल्प की, बल्कि अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस लाखों बलिदानों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है, उसी तरह राम मंदिर का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है। ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक समारोह को संबोधित किया और इसकी शुरुआत ‘‘सियावर रामचंद्र की जय’’ के उद्घोष से की।